मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मण्डफिया स्थित सांवलियाजी मंदिर परिसर में 18 करोड की लागत से निर्मित होने वाले आध्यात्मिक सर्किट का शिलान्यास किया।
चित्तौडग़ढ़. मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे ने मण्डफिया स्थित सांवलियाजी
मंदिर परिसर में केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से 18 करोड की लागत से निर्मित होने वाले आध्यात्मिक सर्किट का शिलान्यास किया। गोकुल विश्रान्ति गृह में रात्रि विश्राम करने के बाद मुख्यमंत्री ने सोमवार सुबह शनिमहाराज के लिए प्रस्थान किया, जहां से हेलिकॉप्टर से प्रतापगढ़ के लिए रवाना हुई। राजे सांवलियाजी चौराहा, प्राकट्य स्थल मंदिर में जनसंवाद के बाद रात 9 बजे सांवलियाजी मंदिर परिसर में पहुंची। जहां पर शयन आरती के दौरान भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन किए। इस दौरान सांसद सीपी जोशी, विधायक अर्जूनलाल जीनगर, चंद्रभानसिंह, जिलाध्यक्ष रतनलाल गाडरी, मंदिर मण्डल अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा, सरपंच कन्हैयादास वैष्णव, बोर्ड सदस्य मदन व्यास, भैरूलाल सोनी, भैरूलाल गाडरी, विजयसिंह आदि मौजूद थे। उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह में जहां पर चतुर्दशी के अवसर पर खोले गए भण्डार के नोटो की थप्पी लगी हुई थी, वहां भी आकर देखा। रहेलिपेड पर जाने से पूर्व पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया। मण्डफिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के हेलिपेड पर राजेने हेलीकॉप्टर में बैठने से पूर्व सांसद सीपी जोशी, विधायक चंद्रभानसिंह तथा सुरेश धाकड से पांच मिनट तक मंत्रणाा की। इस लेकर कई तरह की चर्चा चलती रही। मंत्रणा के दौरान अधिकारी व जनप्रतिनिधी राजे के हेलिकॉप्टर में सवार होने का इंतजार करते रहे।
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स्वीकृति देने पर सीएम का किया अभिनंदन
भदेसर.भादसोडा में जनसंवाद के बाद मुख्यमंत्री राजे धर्मशाला से बाहर आई तो क्षेत्र के लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने व भादसोडा-कपासन सडक मार्ग की स्वीकृति देने पर अभिनंदन किया। इस दौरान मंदिर मण्डल अध्यक्ष अशोक पारलिया,कैलाश जाट, बाबूलाल ओझा, रमेश चण्डालिया, नूतन ओझा,, इंद्रदत शर्मा, कैलाशगिरी गौस्वामी आदि मौजूद थे। श्रीसांवलियाजी मंदिर कर्मचारी एकता युनियन ने मुख्यमंत्री के सांवलियाजी दर्शन पहुंचने के बाद संविदाकर्मियों के नियमतिकरण तथा वेतन वृद्धि को लेकर ज्ञापन सौंपा। अध्यक्ष अशोक तिवारी के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में बताया कि मंदिर मण्डल में कुल 218 पद है, जिसमें 77 कार्मिक ही कार्यरत है। रिक्त पदों पर वर्तमान में कार्यरत संविदा कार्मिको में से योग्य व अनुभवी कार्मिक को समायोजित कर नियमित नियुक्ति की मांग की गई।