वही निगम की ओर से कई क्षेत्रों में रात को दो बजे थ्री फेस की विद्युत आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में आधी रात को किसानों को बिजली देकर उनकी नींद में खलल डाला जा रहा है। आधीरात बाद खेतों में जाकर जायद की फसलों की पिलाई करना किसानों की मजबूरी बन गई है।
इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है ऐसे में सांप बिच्छ़ आदि जहरीले जीव रात के समय गर्मी से बचने के लिए बाहर निकल कर खेतों में फसलों के बीच ठण्डक में आकर बैठ जाते है। ऐसे में रात के अंधेरे में खेतों में फसलों की सिंचाई करने के लिए खेतों में जब किसान जाते है तो उन्हें इस बात का भी भय सताता है कि वह कहीं किसी जीव जन्तु के शिकार ना हो जाएं।
इसके अलावा खंूखार वन्य जीव भी मारे गर्मी के गुफाओं, पेड़ों की आट आदि जगह छूपे रहते हैं तथा रात को भूख, प्यास लगने पर यह शिकार की तलाश करने तथा पानी पीने के लिए जंगलों से बस्ती व खेतों की ओर आ जात हैं, इससे भी किसानों को वन्यजीवों से नुकसान की आशंका बनी रहती है।
सुबह मिले तीन फेस आपूर्ति
किसानों का कहना है कि विद्युत निगम के अधिकांश सब ग्रिड स्टेशन पर गर्मी के मौसम में एक साथ सभी फिडरों पर सुबह ही विद्युत आपूर्ति करने की व्यवस्था की लेकिन पिछले दिनों प्रदेश में आए विद्युत संकट के कारण विद्युत आपूर्ति दो भाग में शुरू की गई है। प्रथम शिफ्ट प्रात: 6 से 10 बजे तक दी जाती है जबकि दूसरी शिफ्ट में दोपहर 12 से 4 तक विद्युत आपूर्ति की जाती है। निगम द्वारा दोपहर में आने वाले किसानों को 1 घंटे पशु खेलने के लिए आपूर्ति की जाती है।
सरकार ने 6 घंटे बिजली देने की घोषणा तो कर रखी है लेकिन 2 सप्ताह पहले जो विद्युत संकट प्रदेश भर में गहराया था इससे किसानों की फसलें सिंचाई के अभाव में बुरी तरह प्रभावित हुई है। लगभग 1 सप्ताह से ज्यादा यह संकट रहने के बाद स्थिति सामान्य हुई तो विद्युत निगम किसानों को पटका देते हुए घोषणा के अनुरूप 6 घंटे के बजाय ४ से 5 घंटे ही विद्युत आपूर्ति की जा रही थी। प्रदेश भर में विद्युत संकट गहराने के बाद अब मुश्किल से तीन से चार घंटा विद्युत आपूर्ति हो रही हैं इससे किसानों को भरपूर पानी होने के बावजूद विद्युत आपूर्ति के अभाव में जायद फसलों पर सूखने का संकट गहरा गया है।
यह कहना है किसानों का
बानसेन निवासी किसान भेरूलाल जाट मूरलिया निवासी रामेश्वर लाल जाट तथा कुरेठा निवासी शंकर लाल गुर्जर का कहना है कि विद्युत आपूर्ति के सुबह सुबह वाली शिफ्ट में किसान गर्मी से परेशान नहीं रहते हैं लेकिन दोपहर बाद जो आपूर्ति की जाती है वह 1 सप्ताह की परेशानी गर्मी के कारण बहुत चुनौती भरी होती है।
किसानों को जो बिजली दी जा रही है वह पर्याप्त नहीं है। सरकार ने आठ घंटे बिजली देने का किसानों से वादा किया था और अभी चार से पांच घंटे ही बिजली मिल रही है। वह भी ऐसे समय दी जा रही है जिससे किसनों को सिंचाई करने में परेशानी हो रही है। लू के थपेड़ों के बीच किस तरह से किसान सिंचाई कर रहे है यह वे ही जानते है। सरकार और अधिकारी एसी में बैठकर समय निर्धारित करते है। उन्हें जमीनी हकीकत ही पता नहीं होती है। इसलिए सरकार को किसानों की समस्या को समझते हुए विद्युत आपूर्ति की समय में बदलाव करना चाहिए।
अर्जुन लाल जीनगर विधायक कपासन
निगम की ओर से किसानों को बिजली सुबह पौने दस से पौने तीन बजे, दोपहर १२ से ५ बजे तक और रात को २ से सुबह ७ बजे तक बिजली दे रहे है। यह समय ऊपर से निर्धारित किया गया है।
नासीर हुसैन मंसूरी अधीक्षण अभियंता, अजमेर विद्युत वितरण निगम चित्तौडग़ढ