scriptसांवलियाजी मंदिर में होगी पूूजा पर जयकारों के लिए नहीं होगे भक्त | Devotees will not be there for the shrines on Puja in the Sanwaliyaji | Patrika News

सांवलियाजी मंदिर में होगी पूूजा पर जयकारों के लिए नहीं होगे भक्त

locationचित्तौड़गढ़Published: Aug 11, 2020 12:55:55 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

कोरोना संक्रमण के चलते साढे चार माह से मेवाड़ का कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर भक्तों के लिए बंद है। ये पहला मौका होगा जब बुधवार को आयोजित होने वाले जन्माष्टमी के पर्व पर भी श्रद्धालुओं की भागीदारी नहीं रहेगी। इसके अलावा इस अवसर पर यहां पर निकलने वाला अखाड़ा प्रदर्शन तथा श्रद्धालुओं द्वारा भगवान के जन्म के शुभ समय काटे जाने वाले केक का आयोजन भी इस बार नहीं होगा।

सांवलियाजी मंदिर में होगी पूूजा पर जयकारों के लिए नहीं होगे भक्त

सांवलियाजी मंदिर में होगी पूूजा पर जयकारों के लिए नहीं होगे भक्त

चित्तौडग़ढ़/भदेसर. कोरोना संक्रमण के चलते साढे चार माह से मेवाड़ का कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर भक्तों के लिए बंद है। ये पहला मौका होगा जब बुधवार को आयोजित होने वाले जन्माष्टमी के पर्व पर भी श्रद्धालुओं की भागीदारी नहीं रहेगी। इसके अलावा इस अवसर पर यहां पर निकलने वाला अखाड़ा प्रदर्शन तथा श्रद्धालुओं द्वारा भगवान के जन्म के शुभ समय काटे जाने वाले केक का आयोजन भी इस बार नहीं होगा। जन्माष्टमी पर कृष्ण भक्ति के मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले पारंपरिक आयोजन विधिवत रूप से होगें। इसमें भागीदारी मंदिर पुजारी तथा मंदिर मंडल के कर्मचारी ही निभाएंगे। मंदिर पिछले 22 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए दर्शन बंद है। सांवलियाजी मंदिर में जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर मंदिर की ओर से धार्मिक चलचित्र तथा विद्युत स्वचालित झांकियां सजाई जाती है। कृत्रिम व प्राकृतिक फूलों में गुब्बारों से मंदिर परिसर को सजाया जाता है। रात्रि में 12 बजे भगवान जन्म की महाआरती का आयोजन होता है इसके बाद पंजेरी का प्रसाद वितरण किया जाता है। इस विशेष आरती में हजारों श्रद्धालु शामिल होते आए है। जन्माष्टमी पर दोपहर के समय श्रद्धालुओं द्वारा कई आयोजन किए जाते है। इसमें मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के अखाड़ा कलाकारों द्वारा अखाड़ा प्रदर्शन तथा प्रमुख चौराहों पर दही की मटकियां फोड़ी जाती है। इस बार कोरोना संक्रमण के हालात के चलते ऐसे कोई आयोजन नहीं होंगे।
काटा जाता माखन, मिश्री व सूखे मेव से बना केक
इसी दौरान कई वर्षों से मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं द्वारा भगवान के माखन, मिश्री व सूखे मेवे का केक भी काटा जाता है। चित्तौडग़ढ़ जिले में जन्माष्टमी का सबसे बड़ा आयोजन कृष्णधाम श्रीसांवलिया सेठ के दरबार में ही होता है। कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं को रोकने के लिए इसके आयोजन पर पूरी तरह रोक लगा दी है, केवल पूजा आरती के आयोजन होंगे।
भगवान के मनोरथ को तरस रहे श्रद्धालु
लंबे समय से दर्शनार्थियों के दर्शन बंद होने से श्रद्धालु भगवान के मनोरथ को तरस रहे हैं। सांवलियाजी मंदिर प्रदेश के उन गिने चुने बड़े मंदिरों की श्रेणी में आता है जहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। विशेष रूप से सावन व ***** माह में तो श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन हजारों में होती है। सावन माह में मंदिर परिसर में धार्मिक आयोजन हुए भी लेकिन श्रद्धालुओं की भागीदारी नहीं रही।
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