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परवाह नहीं जिंदगी की, सड़कों पर लोग, ले जाने के लिए लगानी पड़ी बसें

locationचित्तौड़गढ़Published: Mar 31, 2020 12:07:21 am

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन लागू रहने तक जिले का व्यक्ति यदि किसी दूसरे जिले या राज्य में है या फिर दूसरे राज्य या जिले के लोग यहां हैं तो उन्हें इधर-उधर जाने की अनुमति नहीं रहने संबंधी केन्द्र सरकार के आदेश की प्रशासन की सख्ती के बावजूद सोमवार को पूरी तरह पालना नहीं हो पाई। पैदल ही बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ आदि जिलों में पहुंचने के लिए चित्तौड़ जिले के राजमार्ग पर सोमवार को कई लोग नजर आए।

परवाह नहीं जिंदगी की, सड़कों पर लोग, ले जाने के लिए लगानी पड़ी बसें

परवाह नहीं जिंदगी की, सड़कों पर लोग, ले जाने के लिए लगानी पड़ी बसें

चित्तौडग़ढ़. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन लागू रहने तक जिले का व्यक्ति यदि किसी दूसरे जिले या राज्य में है या फिर दूसरे राज्य या जिले के लोग यहां हैं तो उन्हें इधर-उधर जाने की अनुमति नहीं रहने संबंधी केन्द्र सरकार के आदेश की प्रशासन की सख्ती के बावजूद सोमवार को पूरी तरह पालना नहीं हो पाई। पैदल ही बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ आदि जिलों में पहुंचने के लिए चित्तौड़ जिले के राजमार्ग पर सोमवार को कई लोग नजर आए। कई लोग बाइक पर भी परिवार सहित किसी भी तरह अपने जिलों में पहुंचने के लिए व्यग्र नजर आए। जिला कलक्टर ने भले रविवार आदेश दिए थे कि बाहरी राज्यों व दूसरे जिलों से आने वाले लोग अब जिले में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। वे जिस स्थान पर हैं उन्हें संबंधित प्रशासन की ओर से आवास व भोजन आदि की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके बावजूद सोमवार को लॉकडाउन में भी लोगों को इधर-उधर से अपने गंतव्य तक पहुंचाने का क्रम जारी रहा। रोडवेज ने सोमवार को भी दस बसें खाली प्रतापगढ़ भेजी। रोडवेज के चित्तौड़ आगार प्रबंधक प्रदीप जीनगर ने बताया कि उन्हें रोडवेज के प्रबंध निदेशक एवं प्रतापगढ़ जिला कलक्टर से निर्देश मिले की कि दस बसे सीधी प्रतापगढ़ भेजी जाये। इसके बाद यहां से दस खाली बसें प्रतापगढ़ भेजी गई है। बताया गया है कि राजस्थान एवं मध्यप्रदेश बॉर्डर पर कर्नाटक से कई बसें राजस्थान के प्रवासियों को लेकर आई है। इस लिए उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों को वहां पर भेजा गया है। बसों को वहां भेजने के दौरान खाली होने से ओछड़ी टोलनाके पर पैदल ही जा रहे कई लोग भी उनमें सवार हो गए। इस दौरान तहसीलदार भी वहां मौजूद दिखे। हालांकि उनकी पूरी जानकारी प्रशासनिक स्तर पर जुटा ली गई थी। जिला कलक्टर के जिले में किसी भी भी इधर से उधर नहीं जाने देने के निर्देश के बावजूद बसों में इस तरह सवारियां लेकर जाना चर्चा में रहा।
बेवजह निकले तो रख सकते सरकारी सरकारी क्वारेंटाइन
अधिकारियों ने चेताया है कि लॉकडाउन में बेवजह घर से नहीं निकलने के आदेश का उल्लंघन करने वालों को सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। जिले की सीमा पर तैनात कार्मिकों को आदेश की सख्ती से पालना करने को कहा है। उन्होंने लोगों को घरों से नहीं निकलने को भी चेताया है। सरकार व प्रशासन जो भी कदम उठा रहे है उन सबका एक ही मकसद है कि किसी भी तरह से अपने नागरिकों की जान इस महामारी के प्रकोप से बचाना है।
बैंकें कॉल कर कर रही घर में रहने की अपील
चित्तौडग़ढ़. कोरोना वायरस से लडऩे के लिए हर कोई अपनी-अपनी भूमिका निभा रहा है। इसी के चलते अब बैंकों की ओर से भी अपने-अपने खातेदारों को सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है। बैंकों की ओर से अपने-अपने ग्राहकों को फोन कर कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस को लेकर पूरी सतर्कता बरती जाये। आप घर से बाहर नहीं निकले। हाथों को सेनेटाइजर से धोये और बाहर निकले तो मास्क का उपयोग करें।
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