डीजल की कीमतों ने लगाई आम जरूरत की वस्तुओं में आग, तीन दिन से लगा रहा शतक
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढती कीमतों ने आम जरूरत की वस्तुओं के भावों में आग लगा दी है। डीजल के भाव पिछले तीन दिन से शतक लगा रहे हैं, वहीं पेट्रोल के भाव भी ११७ रूपए प्रति लीटर से पार हो गए हैं। खासतौर पर डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्टेशन की दरें बढी है और इससे ेजरूरत की वस्तुओं के भाव आसमान पर है। हालत यह है कि आसमान छू रही महंगाई के चलते गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के घरों का बजट बुरी तरह से लडख़ड़ा गया है।
चित्तौड़गढ़
Published: April 09, 2022 09:28:50 pm
चित्तौडग़ढ़
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढती कीमतों ने आम जरूरत की वस्तुओं के भावों में आग लगा दी है। डीजल के भाव पिछले तीन दिन से शतक लगा रहे हैं, वहीं पेट्रोल के भाव भी ११७ रूपए प्रति लीटर से पार हो गए हैं। खासतौर पर डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्टेशन की दरें बढी है और इससे ेजरूरत की वस्तुओं के भाव आसमान पर है। हालत यह है कि आसमान छू रही महंगाई के चलते गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के घरों का बजट बुरी तरह से लडख़ड़ा गया है।
पिछले माह तीस मार्च को डीजल के भाव ९६.११ रूपए प्रति लीटर थे। महज बारह दिन में ही डीजल के भावों में प्रति लीटर साढे चार रूपए की बढोतरी हुई है। शनिवार को शहर में डीजल के भाव १००.६० रूपए प्रति लीटर रहे। जबकि तीस मार्च को पेट्रोल के भाव ११२.८४ रूपए प्रति लीटर थे। पिछले बारह दिन में पेट्रोल के भाव ४.८३ रूपए प्रति लीटर बढे हैं। शनिवार को शहर में पेट्रोल के भाव ११७.६७ रूपए रहे। ३१ मार्च को पेट्रोल ११३.७२ रूपए व डीजल ९६.९३ रूपए प्रति लीटर हो गया। एक अप्रेल को यह भाव स्थिर रहा, लेकिन दो अप्रेल को पेट्रोल ११४.४७ रूपए व डीजल ९७.७५ रूपए प्रति लीटर हो गया। तीन अप्रेल को भाव और बढ गए। इस दिन पेट्रोल ११४.४७ रूपए व डीजल के भाव ९८.५६ रूपए प्रति लीटर रहे। चार अप्रेल को पेट्रोल ११५.९१ रूपए व डीजल ९८.९७ रूपए प्रति लीटर बिका। पांच अप्रेल को पेट्रोल के भाव ११६.७९ रूपए प्रति लीटर व डीजल के भाव ९९.७९ रूपए प्रति लीटर तक पहुंच गए। छह अप्रेल को पेट्रोल ११७.६७ रूपए व डीजल १००.६१ रूपए प्रति लीटर हो गया। गनीमत है कि शनिवार तक यह भाव स्थित रहे हैं। पांच राज्यों में चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल के भाव स्थिर कर दिए थे, तब आमजन ने सोचा कि अब भाव नहीं बढेंगे, लेकिन जैसे ही चुनाव पूरे हुए, पेट्रोल-डीजल महंगा होना शुरू हो गया। सरकार के इस खेल का असर देश और प्रदेश के करोड़ों गरीब और मध्यम आय वर्ग वाले परिवारों पर पड़ रहा है। खासतौर पर डीजल महंगा होने के चलते ट्रांसपोर्टेशन महंगा हुआ है, जिससे रोजमर्रा काम आने वाली जरूरत की वस्तुओं के भाव आसमान छूने लगे हैं। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के घरों का बजट लडख़ड़ा गया है। स्कूलों में नया सत्र शुरू होने के कारण पहले ही बच्चों की स्कूल फीस, यूनिफार्म और किताबें खरीदने में मोटी राशि खर्च हो रही है, वहीं ऐसे समय में लगातार महंगी हो रही रोजमर्रा की जीवन में काम आने वाले वस्तुएं खरीदना भी अब पहुंच से बाहर होती जा रही है।

डीजल की कीमतों ने लगाई आम जरूरत की वस्तुओं में आग, तीन दिन से लगा रहा शतक
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