आसमान से बरसीं अन्नदाता पर आफत
चित्तौड़गढ़Published: Oct 09, 2022 10:15:35 pm
अन्नदाता को कभी फसल में रोगों की मार तो कभी मौसम का दगा झेलना पड़ रहा है। अब आसमान से आफत बनकर बरसीं बारिश ने खेतों पर कटी पड़ी सोयाबीन की फसल को बर्बाद कर दिया है। खरीफ की अन्य फसलों को भी नुकसान हुआ है। अचानक हुए इस नुकसान से किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें खिंच गई है। सहकारिता मंत्री ने जिला कलक्टर को फसल खराबे का सर्वे करवाने के निर्देश दिए हैं।


आसमान से बरसीं अन्नदाता पर आफत
चित्तौडग़ढ़
अन्नदाता को कभी फसल में रोगों की मार तो कभी मौसम का दगा झेलना पड़ रहा है। अब आसमान से आफत बनकर बरसीं बारिश ने खेतों पर कटी पड़ी सोयाबीन की फसल को बर्बाद कर दिया है। खरीफ की अन्य फसलों को भी नुकसान हुआ है। अचानक हुए इस नुकसान से किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें खिंच गई है। सहकारिता मंत्री ने जिला कलक्टर को फसल खराबे का सर्वे करवाने के निर्देश दिए हैं।
जिले के अधिकांश इलाकों में किसानों ने सोयाबीन की फसल काट ली है। कटी हुई फसल अभी खेतों पर ही पड़ी है। पिछले दो दिन में जिले भर में हुई बारिश ने खेतों पर पड़ी सोयाबीन की कटी फसल को तबाह कर दिया है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। हालत यह है कि कई जगहों पर तो खेत जलमग्न हो गए हैं। जिले में बेगूं, घोसुण्डा, गंगरार, भैंसरोडग़ढ़, निम्बाहेड़ा, कपासन आदि इलाकों में हल्की और तेज बारिश से मक्का, उड़द व मंूग की फसल को भी नुकसान हुआ है। पानी से फसलों की गुणवत्ता प्रभावित होगी। गंगरार क्षेत्र के तुम्बडिय़ा गांव में किसान रमेश पुत्र भैरू धाकड़, गंगाराम पुत्र कालू, रतन पुत्र भोना धाकड़ के खेत जल मग्न हो गए हैं। वहां सोयाबीन की कटी हुई फसल भी जलमग्न हो गई है। इधर बारिश को लेकर फसलों को हुए नुकसान को लेकर सरकारी स्तर पर जानकारी जुटाने का काम शुरू हो गया है। फसलों को कितना नुकसान हुआ है, यह आंकड़ा सरकारी स्तर पर तैयार नहीं हुआ है, लेकिन किसान साठ से सत्तर प्रतिशत तक का नुकसान होने की बात कह रहे हैं।