scriptडोडा चूरा तस्करी में सांठगांठ के खेल से पुलिस पर फिर उठी अंगुली | Doda Chura smuggling again raises finger on police | Patrika News

डोडा चूरा तस्करी में सांठगांठ के खेल से पुलिस पर फिर उठी अंगुली

locationचित्तौड़गढ़Published: Jan 05, 2020 04:20:52 pm

Submitted by:

jitender saran

बेगूं विधायक को रिश्वत देने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा पकड़े गए बेगूं थानाधिकारी वीरेन्द्रसिंह का मामला अभी ठण्डा भी नहीं हुआ कि डोडा चूरा तस्करी में सांठगांठ के कथित खेल से पुलिस पर एक बार फिर अंगुली उठ गई है। फिलहाल पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में पुलिस की स्पेशल टीम में शामिल सिपाही सहित दो सिपाहियों को निलंबित कर पुलिस उप अधीक्षक को मामले की जांच सौंपी है।

डोडा चूरा तस्करी में सांठगांठ के खेल से पुलिस पर फिर उठी अंगुली

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चित्तौडग़ढ़
मुखबीर की सूचना पर कोतवाल सुमेरसिंह, उप निरीक्षक करनाराम, हेड कांस्टेबल बालमुकंद, संतोष गिरी, पृथ्वीपाल सिंह, महावीरसिंह गुरूवार रात को राजपुरिया गांव में ऊंकार भील के खेत पर पहुंचे थे, जहां एक ट्रैक्टर ट्रॉली की तलाशी लेने पर उसमें मक्का की भूसी के नीचे पच्चीस कट्टे छिपाए हुए मिले। कट्टों की जांच करने पर उनमें डोडा चूरा भरा हुआ पाया गया, जिसका तोल करवाने पर ४.८८ क्ंिवटल हुआ था। पुलिस ने खेत मालिक ऊंकार भील से पूछताछ की तो उसने बताया कि यह डोडा चूरा राजपुरिया गांव के ही कमलेश पुत्र शांतिलाल धाकड़ का है।
इस पूरे प्रकरण को लेकर जो कहानी सामने आ रही है, उसके अनुसार करीब सप्ताह भर पहले ओछड़ी टोल नाके के आसपास डोडा चूरा पकड़ा गया था। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो, इसके लिए नरसा खेड़ी व छोटीसादड़ी क्षेत्र के दो व्यक्तियों ने दलाल की भूमिका निभाते हुए करीब २७ लाख रूपए में तोड़बट्टा किया। इसमें से करीब छह लाख रूपए पास रखने और २१ लाख रूपए किसी पुलिस वाले को देने की चर्चा पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल तक पहुंच गई। कयाल ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच करवाई तो पता चला कि डोडा चूरा राजपुरिया गांव के एक खेत पर छिपाकर रखा हुआ है। इसके बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कोतवाल सुमेरसिंह के नेतृत्व में टीम वहां पहुंची और डोडा चूरा जब्त कर आरोपी को नामजद कर लिया। इस मामले में भूमिका संदिग्ध होने पर पुलिस अधीक्षक ने पुलिस की स्पेशल टीम में शामिल सिपाही राधेश्याम व सदर थाने में तैनात सिपाही कन्हैयालाल को निलंबित कर दिया। यह बात भी सामने आ रही है कि तोड़-बट्टा करने के दौरान यह तय हुआ कि कुछ राशि डोडा चूरा बिकने के बाद दी जाएगी। डोडा चूरा मामले में सांठगांठ का असली राज क्या है, यह जांच के बाद सामने आएगा। मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक कमल प्रसाद मीणा को सौंपी गई है।
जिस थाने का सिपाही निलंबित, उसी थाने के एसएचओ को जांच
डोडा चूरे के इस मामले में भूमिका संदिग्ध होने पर पुलिस अधीक्षक ने सदर थाने में तैनात सिपाही कन्हैयालाल को निलंबित किया है, वहीं कोतवाली पुलिस की ओर से पकड़े गए डोडा चूरे की जांच भी सदर थाना प्रभारी को ही सौंपना भी पुलिस महकमें में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कमलेश का नाम उजागर होते ही सामने आ गई सुगबुगाहट, आईजी ने की फाइल तलब
कोतवाली पुलिस की ओर से पकड़े गए डोडा चूरे की जांच सदर थाना प्रभारी को सौंपने के बाद महानिरीक्षक पुलिस उदयपुर रेंज विनिता ठाकुर ने इस मामले से जुड़ी फाइल तलब कर ली है। इधर डोडा चूरा जिस ट्रॉली में छिपाया हुआ मिला था, उसका ट्रैक्टर भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। यह टै्रक्टर आरोपी कमलेश धाकड़ के पिता के नाम पर होना बताया जा रहा है। इस मामले में एक और सिपाही की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, जिसके बारे में भी पुलिस अधिकारी जांच कर रहे हैं। वहीं डोडा चूरा को लेकर लाखों रूपए के तोड़बट्टे के इस मामले में एक तीन सितारा अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध होने की बात सामने आ रही है, इसकी भी पुलिस के उच्च अधिकारी जांच कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो यह तोड़बट्टा आरोपी कमलेश का प्रकरण में नाम नहीं आने को लेकर किया किया, लेकिन पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कोतवाल सुमेरसिंह की ओर से की गई कार्रवाई में कमलेश का नाम उजागर होते ही तोड़बट्टे की सुगबुगाहट पुलिस अधीक्षक तक पहुंच गई और उन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया। पूरा प्रकरण जब आईजी ठाकुर की जानकारी में आया तो उन्होंने इस मामले की फाइल उदयपुर तलब कर ली।
भूमिका संदिग्ध होने पर निलंबन
डोडा चूरे के मामले में भूमिका संदिग्ध होने पर सदर थाने के सिपाही कन्हैयालाल व स्पेशल टीम के सिपाही राधेश्याम को निलंबित कर जांच डिप्टी चित्तौडग़ढ़ को सौंपी है। कोतवाली पुलिस की ओर से पकड़े गए डोडा चूरे की जांच सदर थाना प्रभारी को सौंपी थी, लेकिन अब अन्य अधिकारी से जांच करवाई जाएगी।
अनिल कयाल, पुलिस अधीक्षक चित्तौडग़ढ़
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