बीमार व दिव्यांग काशीराम की मदद को पहुंचे दानदाता
चित्तौडग़ढ़. बड़ीसादड़ी. आधुनिक व प्रगतिशील समाज में जहां एक ओर मानवीय संवेदना का निरंतर ह्रास होता दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर आज भी कई लोग मानवीय मूल्यों को अपने दिल में जिंदा रखे हुए है।
चित्तौड़गढ़
Published: May 11, 2022 11:25:32 pm
पत्रिका की खबर पढ़कर की मदद
6250 रुपए की राशन सामग्री व वस्त्र किए भेंट
चित्तौडग़ढ़. बड़ीसादड़ी. आधुनिक व प्रगतिशील समाज में जहां एक ओर मानवीय संवेदना का निरंतर ह्रास होता दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर आज भी कई लोग मानवीय मूल्यों को अपने दिल में जिंदा रखे हुए है। ऐसे व्यक्ति किसी भी दुखी इंसान की मदद करने के लिए हर वक्त तत्पर रहते है।
बड़ीसादड़ी के पार्षद धनपाल मेहता बीमारों व असहायों की अपने सामथ्र्य अनुसार बरसों से मदद करते आ रहे हैं। फाचर के दिव्यांग काशीराम मीणा की हौंसले एवं जज्बे के साथ जीवन जीता है 55 वर्षीय दिव्यांग काशीराम शीर्षक से 7 मई को पत्रिका में समाचार प्रकाशित हुआ था। खबर से पार्षद धनपाल मेहता को जानकारी में आया कि इस बुलंद हौंसले वाले दिव्यांग काशीराम लकवा ग्रस्त हो गया है। उसे मदद की सख्त जरूरत है। इसी खबर से मेहता का हृदय द्रवित हो उठा। दूसरे ही दिन मेहता 6 हजार दो सौ पचास रुपए की राशन सामग्री व वस्त्र आदि लेकर बीमार व लाचार काशीराम के घर पहुंचे। राशन सामग्री में एक क्विंटल गेहूं के साथ तेल, शक्कर, नमक, जीरा, धनिया, चाय पत्ती, मिर्च, हल्दी व गरम मसाले आदि थे। जब बीमार काशीराम को पता चला कि कोई उनकी मदद के लिए आया है तो नीम के पेड़ के नीचे खाट पर लेटे काशीराम भाव विभोर हो गए। अचानक धनपाल मेहता द्वारा मदद करने पर उसकी आंखे छलक पड़ी। पार्षद मेहता ने बड़ी विनम्रता से हाथ जोड़ कर दिव्यांग काशीराम को धैर्य बंधाते हुए सामग्री भेंट की। समाज में मेहता जैसे मानवीय मूल्यों की रक्षा करने वाले इंसान है, तब तक हमें निराश होने की जरूरत नहीं है। धनपाल मेहता पिछले एक दशक से भी अधिक समय से सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले हजारों विद्यार्थियों को स्टेशनरी, ऊनी स्वेटर व गणवेश आदि की मदद कर रहे हैं। इस अवसर पर शिक्षक पूरणदास वैष्णव मौजूद रहे।

Donors arrived to help sick and disabled Kashiram
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