किसके आदेश के कारण जो जहां है,वहीं रहेगा, नहीं बढ़ पाएगा आगे
चित्तौड़गढ़Published: Mar 30, 2020 12:00:49 am
चित्तौडग़ढ़ जिले का व्यक्ति यदि किसी दूसरे जिले या राज्य में है या फिर दूसरे राज्य या जिले के लोग यहां हैं तो उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन लागू रहने तक इधर-उधर जाने की अनुमति नहीं रहेगी। बाहरी राज्यों व दूसरे जिलों से आने वाले लोग अब जिले में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। वे जिस स्थान पर हैं उन्हें संबंधित प्रशासन की ओर से आवास व भोजन आदि की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
किसके आदेश के कारण जो जहां है,वहीं रहेगा, नहीं बढ़ पाएगा आगे
चित्तौडग़ढ़. जिले का व्यक्ति यदि किसी दूसरे जिले या राज्य में है या फिर दूसरे राज्य या जिले के लोग यहां हैं तो उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन लागू रहने तक इधर-उधर जाने की अनुमति नहीं रहेगी। बाहरी राज्यों व दूसरे जिलों से आने वाले लोग अब जिले में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। वे जिस स्थान पर हैं उन्हें संबंधित प्रशासन की ओर से आवास व भोजन आदि की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने बताया कि रविवार को भारत सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो व्यक्ति जहां है वहीं रहेगा। इसके बाद शाम 6 बजे से ही निर्देशों की पालना शुरू करा दी गई है। रास्तों में फंसे लोगों को भी निकटतम सुविधाजनक स्थान पर रखा जाएगा तथा वहीं उनकेभोजन.पानी व ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया किबाहरी राज्यों व जिलों से चित्तौड़ जिले की सीमा में प्रवेश कर चुके लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होए इसके पुख्ता बंदोबस्त किए जाएंगे। आदेश का उल्लंघन करने वालों को सरकारी क्वारेनटाइन सेंटर में रखा जाएगा। जिले की सीमा पर तैनात कार्मिकों को आदेश की सख्ती से पालना करने को कहा है। उन्होंने लोगों को घरों से नहीं निकलने को भी चेताया है। उन्होंने कहा कि बेवजह गलियों में घूमने वालों के खिलाफ भी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन जो भी कदम उठा रहे है उन सबका एक ही मकसद है कि किसी भी तरह से अपने नागरिकों की जान इस महामारी के प्रकोप से बचाना है।
सड़कों पर आ गए मजदूरों को बसों से पहुंचाया उनके निवास
चित्तौडग़ढ़ शहर के रोडवेज बस स्टैण्ड पर रविवार सुबह एक बार तो उस समय अफरा तफरी मच गई जब बड़ी संख्या में बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ के करीब दौ सौ से अधिक आदिवासी बच्चों व साजो सामान के साथ पहुंच गए। बाद में प्रशासन ने रोडवेज के सहयोग से उन्हें अपने गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए तीन बसों को बांसवाड़ा भेजा। इससे पूर्व इन सभी की स्क्रीनिंग भी करवाई गई। इसके लिए चिकित्सा दल पहुंचा।
जयपुर एवं दूदू से रोडवेज की बसों में प्रतापगढ़, बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर के गांवों में रहने आदिवासी बड़ी संख्या में यहां पर रोडवेज बस स्टैण्ड पर पहुंचे। जैसे ही एक साथ इतने लोगों का हुजुम दिखा तो तत्काल कोतवाली से पुलिस उपनिरीक्षक करनाराम के नेतृत्व में जाप्ता पहुंचा। बाद में इसकी जानकारी उपखण्ड अधिकारी तेजस्वी राणा को दी। उन्होंने रोडवेज के मुख्य प्रबंधक प्रदीप जीनगर से बात कर इन्हें गंतव्य तक पहुंचाने बसों को लगाने की बात कही। इस पर तीन बसों से इन सभी को बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ भेजा गया।
दिखी सोशल डिस्टेसिंग
बस स्टेण्ड पर आदिवासियों के बीच सोशल डिस्टेसिंग दिखाई दी। सभी को पुलिस एवं रोडवेज प्रशासन ने कतार से बैठा दिया। सभी निर्धारित दूरी पर बैठे रहे। यहां सोशल डिस्टेसिंग का नजारा देखा गया।
पहले खिलाया खाना, फिर किया रवाना
लोगों के बस स्टैण्ड पहुंचने की सूचना पर रेडिमेड होजरी एसोसिएशन संरक्षक सुनील कुमार जागेटिया के नेतृत्व में अध्यक्ष विनोद मलकानी, संरक्षक कांतिलाल जैन, संजय जैन आदि पहुंचे। ईनाणी मार्बल के निदेशक महेश एवं सुरेश ईनाणी की ओर से भी भोजन के पैकेट भेजे गए। बस स्टैण्ड पर पहुंचे हर आदमी को पहले भोजन करवाया फिर रवाना किया।
यूपी एवं एमपी सीमा तक भेजी गई बसे
चित्तौडग़ढ़ आगार की ओर से रविवार को गंगरार टोल, ओछड़ी टोल, भदेसर आदि क्षेत्रों में करीब आठ बसें भेजी गई। यहां से जयपुर भरतपुर होते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा तक गुजरात एवं महाराष्ट्र आदि क्षेत्रों से आ रहे लोगों के छुड़वाया। वहीं कोटा मार्ग पर होते हुए मध्यप्रदेश की सीमा पर भी लोगों को भिजवाया गया। करीब एक हजार लोगों को रोडवेज की बसों से इधर-उधर भिजवाया गया है।