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भाईयों की कलाई पर आज बहने सजाएगी अपना प्यार

locationचित्तौड़गढ़Published: Aug 15, 2019 12:33:54 am

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

बहनों ने खरीदी भाई के लिए राखियांरक्षासूत्र बांध कर मांगा जाएगा रक्षा का संकल्पबाजारों में छाई त्यौहार की रौनक

chittorgarh

भाईयों की कलाई पर आज बहने सजाएगी अपना प्यार


चित्तौडग़ढ़. भाई-बहन के पावन प्रेम का प्रतीेक रक्षाबंधन पर्व गुरूवार को उत्साह से मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का पर्व स्वाधीनता दिवस पर आने से भी लोगों में अतिरिक्त उत्साह दिख रहा है। बाजार में तिरंगा वाला राखिया भी खूूब बिकी जो बहन-भाईयों में देशभक्ति का संचार करने वाली है। भाई की कलाई पर सजाने के लिए बहनों ने राखियां खरीदी। शहर के बाजार में दस रुपए से लेकर पांच सौ रुपए तक की राखियां मौजूद रही। बच्चों को आकर्षित करने वाली भी विभिन्न तरह की राखियां भी इन स्टॉल पर सजी। राखियों की सर्वाधिक स्टॉले पुराने शहर के सब्जी मंडी व नेहरू बाजार क्षेत्र में लगी रही। यहां बारिश के बावजूद बुधवार को खरीदारों की भीड़ रही। भाभियों को बांधने के लिए चूडे वाली राखियों का सेट भी आकर्षण का केन्द्र रही। महिलाओं की कलाई पर बांधे जाने के लिए कई तरह के रक्षासूत्र भी खूब बिके।
भाई को देने के लिए रही श्रीफल की मांग
रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर राखी बांधते समय साथ में श्रीफल देने की परम्परा है। इसके चलते बाजार में श्रीफल की मांग भी रही। गोलप्याऊ आदि क्षेत्रों में सड़कों पर ढेर लगाकर भी इनकी बिक्री होती रही। बारिश के चलते इनको खराब होने से बचाने के लिए ढेर पर पॉलीथिन ढांका जाता रहा। श्रीफल १५ रुपए से लेकर २५ रुपए तक में मिल रहे है।
रक्षाबंधन पर आज भाई-बहन जोड़े से करेंगे रक्तदान
चित्तौडग़ढ़. आचार्य श्री तुलसी ब्लड फाउण्डेशन के बैनरतले गुरूवार को कई भाई-बहन रक्तदान कर रक्षाबंधन का पर्व मनाएंगे। फाउण्डेशन के संस्थापक सुनील ढीलीवाल ने बताया कि संस्था पिछले 3 वर्ष से एक ऐसी मुहिम चला रही है जिसमे रक्षाबंधन के दिन भाई बहन जोड़े से सांवलिया जी अस्पताल में सुबह 11 से 1 बजे के बीच पहुंचकर रक्तदान करते है। इसके बाद वहीं पर राखी बंधवाकर रक्षा का वचन देते है। संस्था की ओर से इस साल भी यह आयोजन किया जा रहा है। अब तक 26 भाई बहनों के जोड़ों ने रक्तदान के लिए अपने नाम दर्ज कराए हैं। रक्षाबंधन पर इस बार भीलवाड़ा में भी अरिहंत अस्पताल में रक्तादान शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
19 वर्ष बाद मिला फिर ऐसा संयोग
स्वाधीनता दिवस के साथ रक्षाबंधन पर्व आने का संयोग १९ वर्ष बाद फिर इस बार आया है। पंडित अरविंद भट्ट ने बताया है कि रक्षाबंधन पर्व वर्ष 2000 में भी १५ अगस्त को मिला था। उस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा थी लेकिन इस बार यह रक्षाबंधन भद्रा से मुक्त रहेगा। इस बार भद्रा नहीं होने से बहने कभी भी शुभ मुहुर्त में राखी बांध सकेगी।
रक्षाबंधन से चित्तौैड़ का एतिहासिक नाता
रक्षाबंधन पर्व यूं तो भारतीय समाज के हर वर्ग में उत्साह से मनाया जाता है लेकिन चित्तौैडग़ढ़ के साथ इसका विशेष संयोग भी है। रक्षाबंधन से जुड़े उदाहरणों में मुगल काल में चित्तौडग़ढ़ की महारानी कर्णावती द्वारा तत्कालीन मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजने का उदाहरण भी प्रमुखता से दिया जाता है। ये उदाहरण बहन-भाई के रिश्ते धर्म व सरहद की सीमाओं से परे होने का प्रतीेक भी है। मान्यता है कि चित्तौडग़ढ़ के तत्कालीन शासक महाराणा सांगा की मृत्यु के बाद वर्ष १५३४ में गुजरात के बहादुरशाह ने चित्तौड़ दुर्ग पर आक्रमण किया।उस समय रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजी कि रक्षा करें। हुमायूं सेना लेकर आया तब तक आताताईयों से अपने सतीत्व की रक्षा के लिए कर्णावती अन्य महिलाओं का जौहर हो चुका था।

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