किस लिए है परेशान, क्यों गहराने लगी चिंता की लकीरे
चित्तौड़गढ़Published: Jul 20, 2019 12:54:27 pm
बादलों की बेरूखी से बदले हालातकई स्थानों पर पिछले वर्ष की तुलना में अब तक कम बारिशचित्तौडग़ढ़ जिले में मानसून के हाल
किस लिए है परेशान, क्यों गहराने लगी चिंता की लकीरे
चित्तौडग़ढ़. जुलाई माह के तीन सप्ताह बीत जाने के बावजूद मानसून के अब तक पूरी तरह सक्रिय नहीं होने से अब जून में मानसून आने से पहले की बनी भारी बारिश से बने समीकरण बदलने लगे है।एक सप्ताह पहले तक जिले के कई क्षेत्रों में पिछले वर्ष से अधिक बारिश थी लेकिन अब आंकड़े बदल रहे है और बारिश पहले से कम हो गई है। श्रावण मास शुरू होने के चार दिन बाद भी मेघों के मेहरबान नहीं होने से अब कृषक सहित हर वर्ग के लोगों की चिंता बढ़ रही है। इस वर्ष जून के दूसरे पखवाड़े में जिले में मेघों की मेहरबानी से चित्तौडग़ढ़ सहित कुछ स्थानों पर मानसून आने से पहले ही अच्छी बारिश हो गई। चित्तौडग़ढ़ में १९ जून को एक ही रात में 195 मिलीमीटर बारिश से जून माह में किसी एक दिन सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड भी बना। मानसून पूर्व अच्छी बारिश होने से उम्मीद लगाई जा रही थी कि इस बार मानसून में जमकर वर्षा होगी। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में करीब दो सप्ताह पहले मानसून का आगमन हो चुका है इसके बावजूद बादलों के नहीं पसीजने से अब चिंता बढ़ रही है। इससे 10 जुलाई तक पिछले वर्ष से तुलना में अधिकतर स्थानों पर पहले से अधिक बारिश हुई थी लेकिन गत दस दिन में हालात बदल गए है। जिले में शुक्रवार तक वर्षा के आंकड़ो के आधार पर गत वर्ष से तुलना की जाए तो 11 में से 7 तहसील में पिछले वर्ष से कम बारिश हुई है। केवल चित्तौडग़ढ़, बेगूं, बड़ीसादड़ी व कपासन तहसील में ही पिछले वर्ष की तुलना में बारिश का आंकड़ा अधिक है।
बुवाई हो चुकी फसलों को नुकसान का डर
जिले में 95 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों में खरीफ बुवाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। जून में हुई बारिश के कारण खेतों में नमी आने से किसानों ने बुवाई में देरी नहीं की। मानसूून पूर्व की बारिश के कारण अब तक फसल को कोई खतरा नहीं रहा। अब किसानों को डर है कि कुछ दिन और मानसून इसी तरह बेरूखी जताता है कि उनकी खरीफ फसल की बुवाई बेकार हो जाएगी। गांवों में शीघ्र बारिश की कामना से लोग गांव के बाहर भोजन बना इन्द्रदेव को मनाने जैसे पारम्परिक आयोजन भी कर रहे है।
बारिश नहीं होने पर गहरा सकता जलसंकट
जून माह में हुई बारिश से जिले में जल संकट काफी कम हो गया था। जलाशयों में आया पानी अब फिर सूखते जाने व आवक थम जाने से जलदाय विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। शीघ्र बारिश का दौर शुरू नहीं होने पर श्रावण मास में भी जिले में कुछ क्षेत्रों में जलसंकट की स्थिति बन सकती है।