उमड़ पड़े श्रद्धालु, बतार्ई सांवलियाजी तीर्थ की महिमा अपरम्पार
चित्तौड़गढ़Published: Jun 25, 2018 09:26:53 pm
सांवलियाजी तीर्थ पवित्र क्षेत्र हो गया है एवं ये क्षेत्र के विकास का प्रमुख आधार होगा। भगवान सांवलियासेठ के दर्शन होना किसी पुण्य से कम नहीं है। ये विचार सोमवार को सांवलियाजी स्वर्ण कलश स्थापना महोत्सव के अवसर पर आयोजित सभा में उभर कर आए।
सांवलियाजी मंदिर के स्वर्ण कलश स्थापना महोत्सव के अवसर पर सभा को सम्बोधित करते देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवा
चित्तौडग़ढ़. सांवलियाजी तीर्थ पवित्र क्षेत्र हो गया है एवं ये क्षेत्र के विकास का प्रमुख आधार होगा। भगवान सांवलियासेठ के दर्शन होना किसी पुण्य से कम नहीं है। ये विचार सोमवार को सांवलियाजी स्वर्ण कलश स्थापना महोत्सव के अवसर पर आयोजित सभा में उभर कर आए। सभा में मंत्रियों व अन्य जनप्रतिनिधियों ने देवस्थान विकास के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यो को गिनाते हुए यहां तक दावा कर दिया कि पिछले चार वर्ष में इनके विकास के लिए जो काम हुए वे ७० वर्ष में नहीं हुए। देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवा ने कहा कि सांवलियाजी मंदिर के कलश व ध्वजदण्ड के दर्शन करना भी भगवान के दर्शन करने से कम नहीं होगा। उन्हांंने कहा कि सरकार मंदिरों के विकास में कोई कमी नहीं रखेगी। नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि सांवलियाजी तीर्थ के विकास के लिए राजनीति से उपर उठकर काम किया गया है। यहां ५०० करोड़ के काम कराए गए है। सांसद सीपी जोशी ने कहा कि सांवलियाजी मंदिर में पूरी दुनिया में पहचान बना चुका है एवं यहां के विकास के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू किए गए है। समारोह में बड़ीसादड़ी के संत सुदर्शनाचार्य ने धर्म संदेश दिया। देवस्थान बोर्ड के चेयरमैन एसडी शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने स्वागत उद्बोधन दिया। आभार सांवलियाजी मंदिर मंडल के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने जताया। मंच पर बांसवाड़ा के संत उत्तमस्वामी, भीलवाड़ा के खडेश्वर महाराज, आसीन्द सवाईभोज मंदिर के महंत सुरेश दास, कथावाचक भीमशंकर महाराज, रामचन्द्र गिरी महाराज आदि के साथ जिला प्रमुख लीला जाट, विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या, सुरेश धाकड़, गौतम दक, गौतम मीणा, शत्रुधन गौतम आदि जनप्रतिनिधि भ मौजूद थे। शुरू में अतिथियों ने भगवान सांवलिया सेठ की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित किया।
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अब राममंदिर शिखर प्राण प्रतिष्ठा अधिक दूूर नहीं
सभा में बांसवाड़ के संत उत्तमस्वामी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तुलना देवी अहिल्या से करते हुए ये भी कह दिया कि सांवलियाजी मंदिर पर कलश व ध्वजदण्ड स्थापित होने के बाद वे ये बात विश्वास से कह सकते है कि अयोध्या में राम मंदिर शिखर प्राण प्रतिष्ठा में भी अधिक दिन नहीं लगेंगे।
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कृपलानी ने मांगी सीएम की तरफ से माफी
समारोह में नहीं आ पाने के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से मंत्री कृपलानी ने माफी मांगी। उन्होंने कहा कि सेहत खराब होने से नहीं आ पा रही मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं भेजते हुए शीघ्र सांवलियाजी आने का संकल्प जताया है।
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संचालक ने किया भ्रमित
मुख्यमंत्री सांवलियाजी में नहीं आई,लेकिन सभा संचालक किरण आचार्य के कथनों से भ्रम फैलता रहा। संचालक ने एक बार तो कह दिया कि मुख्यमंत्री का हेलिकॉप्टर यहां आ गया है। इसके कुछ देर बाद उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यज्ञ में आहूति दे रही है एवं कुछ मिनटों में सभा में होगी। विधायक जीनगर, देवस्थान बोर्ड अध्यक्ष शर्मा भी मुख्यमंत्री के कुछ देर में आने की बात कहते रहे।