चित्तौड़गढ़

संक्रमण से कैसे बचेगा हमारा चित्तौड़, न चेहरों पर मास्क, न सोशल डिस्टेंस

लॉकडाउन की जगह अनलॉक-2 होने के बावजूद कोरोना संक्रमण का खतरा निरन्तर बढ़ रहा है। सरकार ने 31 जुलाई तक भी शिक्षण संस्थान और शहरी क्षेत्र के सभी धर्र्मस्थल बंद रखने का फैसला किया है। चित्तौडग़ढ़ जिले में पॉजीटिव केस मिलना बंद नहीं हुए है। केस अलग-अलग क्षेत्रों में सामने आ रहे है। अब तक कोरोना से सुरक्षित माने जाने वाले चित्तौडग़ढ़ शहर पर भी खतरा निरन्तर बढ़ रहा है।

चित्तौड़गढ़Jul 02, 2020 / 11:44 pm

Nilesh Kumar Kathed

संक्रमण से कैसे बचेगा हमारा चित्तौड़, न चेहरों पर मास्क, न सोशल डिस्टेंस

चित्तौडग़ढ़. लॉकडाउन की जगह अनलॉक-2 होने के बावजूद कोरोना संक्रमण का खतरा निरन्तर बढ़ रहा है। इसी कारण सरकार ने 31 जुलाई तक भी शिक्षण संस्थान और शहरी क्षेत्र के सभी धर्र्मस्थल बंद रखने का फैसला किया है। रात का कफ्र्यू भी जारी रहेगा। चित्तौडग़ढ़ जिले में पॉजीटिव केस मिलना बंद नहीं हुए है। केस अलग-अलग क्षेत्रों में सामने आ रहे है। अब तक कोरोना से सुरक्षित माने जाने वाले चित्तौडग़ढ़ शहर पर भी खतरा निरन्तर बढ़ रहा है। शहर के चंदेरिया, सेगवा हाउसिंग बोर्ड व मीठरामजी का खेड़ा क्षेत्र में पॉजीटिव केस मिलने के बाद चित्तौैड़ पुराने शहर के लिए खतरा कहीं अधिक बढ़ गया है। सरकार कोरोना के प्रति जागरूकता अभियान तो चला रही लेकिन हकीकत के धरातल पर असरदायक साबित नहीं हो रहा। आमजन की कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति लापरवाही हो या सरकार की कार्रवाई करने में सख्ती बरतने से बचने की प्रवृति कारण जो भी हो, शहर में कोरोना बचाव के उपायों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। सब्जी मण्डी हो या मुख्य बाजार,सरकारी दफ्तर हो या अन्य सार्वजनिक स्थान सभी जगह सोशल डिस्टेंस शब्द कागजी बन गया है। सरकारें कम से कम छह फीट दूरी रखने की सलाह दे रही और लोग दो-तीन फीट दूरी भी नहीं रख रहे है। इसी तरह संक्रमण से बचाव में सबसे कारगर मास्क लगाना माना जाता है लेकिन शहर के मुख्य मार्गो पर भी लोग बिना मास्क घूम कोरोना संकट को आमंत्रण देते प्रतीत होते है। कई लोगों की लापरवाही की हद है कि मास्क दिखाने के लिए गले में तो डाल देते है लेकिन मुंह व नाक ढकने से परहेज करते है। वाहनों में भी नियमों को ताक पर रख क्षमता से अधिक सवारियां बिठाई जा रही है।
जिम्मेदार ही दिखते खतरे के प्रति बेपरवाह
प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक संदेशों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक रहने का आग्रह कर रहे है। इसके बावजूद जिन जनप्रतिनिधियों पर जनता को जागरूक करने का जिम्मा है वे ही सोशल डिस्टेसिंग व मास्क लगाने के प्रति बेपरवाह दिख रहे है। इनमें सांसद, विधायक से लेकर कांग्रेस व भाजपा जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी शामिल है। इन दलों के कार्यक्रमों में ही इन नियमों की पालना नहीं कर आमजन को गलत संदेश भेजा जा रहा है।
नहीं दिखते गोले, बरती जा रही लापरवाही
दुकानों पर भीड़ रोकने व सोशल डिस्टेसिंग के लिए गोले बनाने का प्रावधान किया गया था। शहर में अधिकतर दुकानों के बाहर अब ऐसे गोले नहीं रह गए है। ग्राहकों की भीड़ में दूरी नहीं रखी जा रही। बिना मास्क लगाए ग्राहक को सामान विक्रय नहीं करने का आदेश कागजी शोभा बनकर रह गया है। कई व्यापारी ही मास्क लगाने के प्रति सचेत नहीं है।
संक्रमण से बचने के लिए ये तो करना ही पड़ेगा
– घर से बाहर अनिवार्य रूप से मास्क लगाकर ही निकले।
– कहीं भी जाएं तो आपस में कम से कम छह फीट या दो गज की दूरी अवश्य रखे।
– बार-बार साबुन से हाथ अवश्य घोएं। सेनिटाइजर का उपयोग करें।
– सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूके।

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