अब तक ८५८ को पहुंचाई दवा
चित्तौडग़ढ़ शहर में अब तक कोरोना संक्रमित मिले है उनमें से करीब ८५८ लोग होम क्वारींटीन किए गए और उनका घर पर ही उपचार किया गया। ऐसे में इन चिकित्सकों ने घर-घर पहुंचकर रोगियों को दवा पहुंचाई और निरंतर उनसे फॉलोअप भी करते रहते है। डॉ. राकेश बताते है कि जब भी सूचना आती है तब वे रात हो या दिन तत्काल रोगी के घर पहुंचते है और वहां जाकर कोरोना के उपचार में आने वाली दवा पहुंचाते है।
चित्तौडग़ढ़ शहर में अब तक कोरोना संक्रमित मिले है उनमें से करीब ८५८ लोग होम क्वारींटीन किए गए और उनका घर पर ही उपचार किया गया। ऐसे में इन चिकित्सकों ने घर-घर पहुंचकर रोगियों को दवा पहुंचाई और निरंतर उनसे फॉलोअप भी करते रहते है। डॉ. राकेश बताते है कि जब भी सूचना आती है तब वे रात हो या दिन तत्काल रोगी के घर पहुंचते है और वहां जाकर कोरोना के उपचार में आने वाली दवा पहुंचाते है।
खुद भी हुए संक्रमित
डॉ. राकेश गत एक सितम्बर को कोरोना रोगियों की सेवा करते हुए खुद भी कोरोना संक्रमित हो गए लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने सेवा के इस ध्यैय का नहीं छोड़ा। करीब १७ दिन बाद असंक्रमित होने के बाद स्वयं वापस कोरोना रोगियों की सेवा में जुट गए।
डॉ. राकेश गत एक सितम्बर को कोरोना रोगियों की सेवा करते हुए खुद भी कोरोना संक्रमित हो गए लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने सेवा के इस ध्यैय का नहीं छोड़ा। करीब १७ दिन बाद असंक्रमित होने के बाद स्वयं वापस कोरोना रोगियों की सेवा में जुट गए।