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चित्तौड़गढ़

नदियों से नहीं तो क्या शहर में उड़ कर आ रही है बजरी

जिले में बजरी के अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए पूरा पुलिस, प्रशासन और खान विभाग लगा हुआ है। कहने को तो इन तीनों की संयुक्त कार्रवाई में बजरी के कई डंपर पकड़ में आ रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि फिर शहर में खुलेआम बजरी नदियों से नहीं तो क्या उड़ कर आ रही है। बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में जुटी स्पेशल टॉस्क फोर्स की टीम के पास इस सवाल का जवाब नहीं है।

चित्तौड़गढ़Feb 25, 2020 / 12:22 pm

jitender saran

नदियों से नहीं तो क्या शहर में उड़ कर आ रही है बजरी

नदियों से नहीं तो क्या शहर में उड़ कर आ रही है बजरी

जितेन्द्र सारण.
चित्तौडग़ढ़.
हालात यह है कि जिले से होकर गुजरने वाली नदियों में रात के सन्नाटे में खुलेआम बजरी का अवैध दोहन और परिवहन हो रहा है। शहर में जहां भी निर्माण कार्य हो रहे हैं, वहां बड़ी मात्रा में बजरी के ढेर लगे हुए हैं। अवैध बजरी से कई कॉम्पलेक्स, मकान और सरकारी निर्माण और यहां तक कि पुलिस थानों में स्वागत कक्ष के निर्माण कार्य चल रहे हैं। निर्माण करने वाले मालिकों से भी कोई यह नहीं पूछ रहा है कि बजरी कहां से लाई गई। राशमी और नगरी सहित कई इलाकों में बजरी का अवैध दोहन करते रात के सन्नाटे में कई ट्रैक्टर और डंपर देखे जा सकते हैं। यहां तक कि शहर में कलक्ट्रेट चौराहा और बायपास से होकर रात के समय बजरी लेकर जाते कई डंपर और ट्रैक्टर नजर आते हैं, लेकिन इनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं होती।
आमजन को यह नुकसान
बजरी के अवैध परिवहन को लेकर कार्रवाई होने का डर बताकर बजरी माफिया लोगों से भी बजरी की मनमाफिक कीमत वसूल रहे हैं। बजरी का जो डंपर किसी समय पांच से सात हजार रूपए में आसानी से उपलब्ध हो जाता था, उसी डंपर के अब तीस से पैंतीस हजार रूपए यह कहकर वसूल किए जा रहे हैं कि पुलिस और खान विभाग से बहुत मुश्किल से बचते हुए यह बजरी पहुंचाई जा रही है। चित्तौडग़ढ़ जिले से बजरी मध्यप्रदेश तक ले जाई जा रही है।
तेरह हजार टन बजरी हो चुकी जब्त
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में पुलिस, प्रशासन और खान विभाग की ओर से बजरी माफियाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई में वर्ष २०१९ से अब तक अवैध परिवहन होते हुए करीब १३ हजार ५० टन बजरी जब्त की जा चुकी है। वर्ष २०१९ में जिले के विभिन्न थानों में अवैध बजरी खनन के कुल १२६ प्रकरण दर्ज हुए थे और इस संबंध में २४८ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनसे विभिन्न वाहनों में ले जाई जा रही ११ हजार ५०० टन बजरी तथा २१८ वाहन जब्त किए गए। पुलिस ने इनमें से १२३ चालान न्यायालय में पेश कर चुकी हैं। दो मामलों में अंतिम रिपोर्ट पेश की गई और एक मामला अब तक पेंडिंग है। वर्ष २०२० में अब तक अवैध बजरी परिवहन के २९ प्रकरण दर्ज कर ७२ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे १५५० टन बजरी व ७९ वाहन जब्त किए गए।
यह आ रही है बाधा
बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस महकमें के पास पर्याप्त नफरी की कमी और खान विभाग में स्टाफ की कमी आड़े आ रही है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के अलावा यहां से पुलिस जाप्ता अन्य जिलों में भी भेजा जाता रहा है। ऐसे में पुलिस विभाग के पास नफरी की कमी है। खान विभाग के पास भी सर्वेयर के अलावा पर्याप्त स्टाफ नहीं होने के कारण सुरसा के पंख की तरफ फैल रहे बजरी के अवैध कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है।
भीलवाड़ा से भी आ जाती बजरी यहां
हमने तो चित्तौडग़ढ़ जिले में बजरी के अवैध दोहन पर पूर्ण अंकुश लगाने का प्रयास किया है। कई बार पड़ौसी भीलवाड़ा जिले से भी बजरी यहां बिकने आ जाती जिसकी भी रोकथाम के प्रयास कर रहे है। स्टॉफ कम होने से भी परेशानी आती है।
सत्यनारायण शर्मा, खनिज अभियन्ता, चित्तौैडग़ढ़
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