चित्तौडग़ढ़ में सोमवार अपराह्न एक होटल में मीडिया से चर्चा करते श्रीराजपूत करणी सेना के संस्थापक अध्यक्ष लोकेन्द्रसिंह कालवी व अन्य पदाधिकारी।
चित्तौडग़ढ़. श्रीराजपूत करणी सेना के संस्थापक अध्यक्ष लोकेन्द्रसिंह कालवी ने दावा किया हे कि चित्तौडग़ढ़ में रविवार को संस्था के १२वें स्थापना वर्षगांठ पर जौहर स्वाभिमान सम्मेलन में उठाए मुद्दों पर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा व कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने बातचीत का बुलावा दिया है। कालवी ने सोमवार अपराह्न यहां एक निजी होटल में मीडिया के समक्ष ये दावा करते हुए फोन किसका था इस सम्बन्ध में बताने से इंकार करते हुए यहीं कहा कि फोन जयपुर से नहीं बल्कि दिल्ली से शीर्ष स्तर से आया था। शीर्ष स्तर क्या होता ये मीडिया समझ सकता है। उन्होंने ये भी दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने भी उनसे मुलाकात के संकेत दिए है और ये मिलना जल्द हो सकताा हैं। कालवी ने कहा कि संगठन के तीन मुख्य मुद्दे है जिनमें से पद्मावत फिल्म वाला मामले पर अब जोर नहीं है लेकिन आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा एवं एससी-एसटी संशोधित एक्ट के प्रावधान को वापस लेने की मांग मुख्य है। इन मांगों पर संगठन किसी स्तर पर कोई समझोता नहीं करेगा और जो जनप्रतिनिधि और नेता इन मुद्दें पर समाज का साथ नहीं देंगे उनका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। इसके तहत विरोध का स्वरूप कुछ भी हो सकता है। उन्होंने संकेत दिया कि जो जनप्रतिनिधि या चुनाव लडऩे वालेे प्रत्याशी उनका साथ नहीं देगा उनका विरोध होगा। उन्होंने कहा कि जो नेता समाज के मुद्दों पर साथ नहीं दे उसे घर में नहीं आने दे और गांव में भी साथ नहीं दे। कालवी ने कहा कि सामान्य वर्ग किस तरह विरोध कर सकता इस बारे में वे मध्यप्रदेश से सीखने के लिए वहां जा रहे है।
कालवी ने कहा कि करणी सेना दलित वर्ग की विरोधी नहीं है बल्कि सामाजिक समरसता चाहती है। एससी-एसटी वर्ग भी संगठन की इस एक्ट के तहत बिना जांच गिरफ्तारी नहीं करने की मांग का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि बिना जांच गिरफ्तारी की मांग केवल करणी सेना ही नहीं बल्कि सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठन कर रहे है, जिसकी सरकार अब अनदेखी नहीं कर सकती। इस मौके पर श्रीराजपूत करणी सेना के जिलाध्यक्ष भूपेन्द्रसिंह भाटी व महिला जिलाध्यक्ष निर्मला कंवर आदि पदाधिकारी भी मौजूद थे।