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खरीफ फसल: मक्का को मानसून की मेहर का इंतजार

locationचित्तौड़गढ़Published: Jun 25, 2022 10:29:22 pm

Submitted by:

jitender saran

मानसून की लेट-लतीफी मक्का की फसल के लिए आफत बन सकती है। अब यदि मानसून ने एक सप्ताह विलंब से दस्तक दी तो मक्का की पैदावार में गिरावट आना तय माना जा रहा है। ऐसे में कम समय में पकने वाली मक्का की बुवाई करनी होगी।

खरीफ फसल: मक्का को मानसून की मेहर का इंतजार

खरीफ फसल: मक्का को मानसून की मेहर का इंतजार

चित्तौडग़ढ़
मानसून की लेट-लतीफी मक्का की फसल के लिए आफत बन सकती है। अब यदि मानसून ने एक सप्ताह विलंब से दस्तक दी तो मक्का की पैदावार में गिरावट आना तय माना जा रहा है। ऐसे में कम समय में पकने वाली मक्का की बुवाई करनी होगी।
कृषि विभाग की ओर से इस बार जिले में ३.२४ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है। हालाकि जिले में अब तक मानसून ने दस्तक नहीं दी है, लेकि पिछले दिनों हुई मामूली बारिश के बाद किसानों ने ८ हजार ४३५ हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुवाई कर दी है। इसमें ३ हजार १५५ हैक्टेयर में मक्का, २ हजार २०० हैक्टेयर में सोयाबीन व १ हजार ९२७ हैक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई की जा चुकी है। जिले में अमूमन बुवाई के मामले ेमें मक्का ही सिरमौर रहती है। दूसरे नंबर पर सोयाबीन की बुवाई होती है। इस बार मानसून अब तक नहीं आया है, ऐसे में देर से पकने वाली फसलों की पैदावार में कमी आ सकती है। कृषि विभाग के सहायक निदेशक शंकरलाल जाट ने बताया कि मानसून यदि जुलाई के पहले सप्ताह तक नहीं आता है तो किसानों को जल्दी पकने वाली मक्का की बुवाई करनी होगी। मक्का की फसल १२० से १३५ दिन में पककर तैयार होती है। मानसून में देरी के चलते सौ दिन में पकने वाली फसल के बीज की बुवाई करनी होगी। इसके अलावा सोयाबीन की फसल भी ११० से ११५ दिन में पककर तैयार होती है।
कृषि विभाग का यह है लक्ष्य
कृषि विभाग का लक्ष्य इस बार जिले में ३.२४ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुवाई का है। इसमें मक्का १.४१ लाख हैक्टेयर, सोयाबीन ८८ हजार हैक्टेयर, मूंगफली २७ हजार हैक्टेयर, ज्वार २४ हजार हैक्टेयर, उड़द दस हजार हैक्टेयर, कपास की दस हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई करने का लक्ष्य शामिल है। विभाग का कुल ७ लाख ४९ हजार ७६६ मैट्रिक टन खरीफ के उत्पादन का लक्ष्य है। इसमें ५ लाख २२ हजार ४१० मैट्रिक टन अनाज फसल, ७ हजार ९०० मैट्रिक टन दलहनी फसल, १ लाख ५३ हजार ६११ मैट्रिक टन तिलहनी फसल तथा ६५ हजार ८४५ मैट्रिक टन वाणिज्यिक फसलों के उत्पादन का लक्ष्य तय किया हुआ है। पिछले साल जिले में खरीफ फसलों का वास्तवितक उत्पादन ७ लाख ९३ हजार २६० मैट्रिक टन हुआ था।
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