scriptप्रेमिका की चाकू मारकर हत्या व गहने लूटने के आरोपी को आजीवन कारावास | Life imprisonment for the murder of a lover and robbing jewelry | Patrika News

प्रेमिका की चाकू मारकर हत्या व गहने लूटने के आरोपी को आजीवन कारावास

locationचित्तौड़गढ़Published: Oct 21, 2019 08:20:05 pm

Submitted by:

jitender saran

जिला एवं सत्र न्यायालय चित्तौडग़ढ़ ने प्रेमिका की चाकू मारकर हत्या कर उसके आभूषण लूटने के आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारवास व 28 हजार रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया है।

प्रेमिका की चाकू मारकर हत्या व गहने लूटने के आरोपी को आजीवन कारावास

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चित्तौडग़ढ़
लोक अभियोजक सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि 20 जून 2017 को सदर थाना पुलिस को नरपत की खेड़ी पुलिया के निकट बाड़े में एक महिला का शव पड़ा होने की सूचना मिली थी। सूचना पर सदर थाना प्रभारी शिवलाल मीणा पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे, जहां हरे रंग की साड़ी पहने करीब 35 वर्षीय महिला का शव पड़ा था, जिसकी चाकू से गोदकर हत्या की गई थी। शव के पास ही बीयर की दो खाली बोतलें और एक मोबाइल मिला था। पुलिस ने घटना स्थल से साक्ष्य एकत्रित कर शव के पास पड़े मिले मोबाइल में लगी सिम की डिटेल निकलवाई तो सिम मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी थानान्तर्गत मुंदड़ी निवासी पुष्पेंद्र सिंह पुत्र समरथ सिंह राजपूत के नाम होना पाई गई। पुलिस ने पुष्पेंद्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि यह सिम उसने अपने यहां ठेकेदारी पर मजदूरी करने वाले उसी के गांव मुंदड़ी निवासी उमा शंकर उर्फ ओम पुत्र उंकार लाल गायरी को दी थी। पुष्पेंद्र ने शव की शिनाख्त उमाशंकर उर्फ ओम की कथित पत्नी लीला देवी के रूप में की थी। पुलिस ने उमाशंकर को बुलाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि लीला देवी उसकी प्रेमिका थी और कुछ समय से उसके साथ भीलवाड़ा में रह रही थी। इसी दौरान उसकी पत्नी और पुत्रियों ने फोन कर उसे अपने घर मुंदड़ी बुलाया था। जब उमाशंकर अपने घर जाने की बात लीला से कही तो लीला ने उसे धमकाते हुए सिर्फ अपने साथ रहने अन्यथा प्रकरण दर्ज कराने की धमकी दी। इससे वह घबरा गया और उसने लीला देवी को ठिकाने लगाने की योजना बना ली। इसी योजना के तहत 19 जून 2017 को वह भीलवाड़ा से मोटरसाइकिल पर लीला देवी को लेकर निकला। रास्ते में उसने बीयर की दो बोतल व शराब खरीद कर पी। इसके बाद वह नरपत की खेड़ी के समीप पहुंचा, जहां वह सुनसान जगह देखकर लीला देवी को बातों में फंसाते हुए सड़क किनारे बीड़ में ले गया। जहां अंतरंग संबंध बनाने के दौरान उसने चाकू से लीला देवी की हत्या कर दी और उसके गहने लेकर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी को हत्या, लूट और सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। पीठासीन अधिकारी हेमंत कुमार जैन ने उभय पक्षों को सुनने के बाद अपने निर्णय में उमा शकंर को दोषी करार देते हुए हत्या के आरोप में आजीवन कारावास व बीस हजार रूपए अर्थदण्ड, गहने लूटने के आरोप में दस वर्ष कारावास व पांच हजार रूपए अर्थदण्ड तथा सबूत मिटाने के आरोप में तीन वर्ष कारावास व तीन हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अभियोजन पक्ष की ओर से २१ गवाह व ६७ दस्तावेज पेश किए गए।
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