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पार्षदों का बहुमत होने के बावजूद भाजपा क्यों नहीं बना पाई अपना पालिकाध्यक्ष

locationचित्तौड़गढ़Published: Mar 15, 2019 12:49:26 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

लोकसभा चुनाव से पहले गुरूवार को राज्य में प्रतिपक्षी दल भाजपा को चित्तौडग़ढ़ जिले में करारा राजनीतिक झटका लगा है। जिले के लिए एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत बेगूं विधानसभा क्षेत्र में शामिल रावतभाटा नगरपालिका बोर्ड के अध्यक्ष पद के उपचुनाव में पार्षद दल में भाजपा का बहुमत होते हुए कांग्रेस प्रत्याशी धर्मेन्द्र तिल्लानी अध्यक्ष चुने गए।

chittorgarh

रावतभाटा में पालिकाध्यक्ष पद पर कांग्रेस के धर्मेन्द्र तिल्लानी के निर्वाचन के बाद जुलूस निकालते उनके समर्थक।



चित्तौडग़ढ़. लोकसभा चुनाव से पहले गुरूवार को राज्य में प्रतिपक्षी दल भाजपा को चित्तौडग़ढ़ जिले में करारा राजनीतिक झटका लगा है। जिले के लिए एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत बेगूं विधानसभा क्षेत्र में शामिल रावतभाटा नगरपालिका बोर्ड के अध्यक्ष पद के उपचुनाव में पार्षद दल में भाजपा का बहुमत होते हुए कांग्रेस प्रत्याशी धर्मेन्द्र तिल्लानी अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी अनुसुइया नागर को 13 मतों से हराया। कांग्रेस के धर्मेन्द्र को 19 तो भाजपा की अनुसुइया को 6 मत प्राप्त हुए। पालिका के २५ पार्षदों में से १५ भाजपा के है। इसके बावजूद भाजपा प्रत्याशी की हार के पीछे आपसी गुटबाजी को मुख्य कारण माना जा रहा है। हॉलाकि भाजपा जिलाध्यक्ष रतनलाल गाडऱी ने राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पर चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरूपयोग कर पार्षदों को प्रभावित करने व डराने-धमकाने आरोप लगाया है। इधर, कांग्रेस प्रत्याशी की जीत में विधायक राजेन्द्रसिंह विधुड़ी की भूमिका अहम मानी जा रही है। गौरतलब है कि भाजपा के पालिकाध्यक्ष बंशीलाल प्रजापत ने पिछले दिनों विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार को लेकर उठे सवालों के बीच इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा मंजूर होने के बाद गुरुवार को यह चुनाव हुआ। तिल्लानी रावतभाटा नगरपालिका के 20 वें अध्यक्ष हैं।
भाजपा में आधे से ज्यादा पार्षदों ने की क्रॉस वोटिंग
पालिका बोर्ड में कुल 25 पार्षदों में से 15 भाजपा, 7 कांग्रेस व 3 निर्दलीय हैं। मतों की संख्या का आंकड़ा तो भाजपा पार्षदों का ज्यादा है। लेकिन भाजपा पार्षदों में लंबे समय से चल रह खींचतान के चलते 9 भाजपा के पार्षदों ने भाजपा के बजाय कांग्रेस प्रत्याशी को मत दिया। जबकि मतदान स्थल पर 15 में से 9 भाजपा पार्षद मतदान करने एकसाथ गए थे। रिटर्निंग अधिकारी व उपखंड अधिकारी रामसुख गुर्जर ने बताया कि मतों की गणना के बाद कांग्रेस के धर्मेन्द्र को 19 तो भाजपा की अनुसुइया को 6 मत प्राप्त हुए। धर्मेन्द्र को 13 मतों से विजयी घोषित कर पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। विधायक राजेन्द्र सिंह विधूड़ी ने तिल्लानी को अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाया।
बड़ीसादड़ी में भी हो चुकी रावतभाटा वाली स्थिति
जिले की बड़ीसादड़ी नगरपालिका के अध्यक्ष पद के लिए गत वर्ष हुए उपचुनाव में भी रावतभाटा वाली ही स्थिति बनी थी। यहां भी नगरपालिका बोर्ड में भाजपा का बहुमत होने के बावजूद अध्यक्ष पद के लिए उपचुनाव हुए तो पार्टी ने प्रत्याशी ही नहीं उतारा। ऐसे में कांग्रेस के दिलीप चौधरी पार्टी का बहुमत नहीं होते हुए अध्यक्ष निर्वाचित हो गए। उस घटनाक्रम के बाद भाजपा में जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगे लेकिन बहुमत होते हुए पालिकाध्यक्ष नहीं बना पाने के लिए किसी की जिम्मेदारी तय नहीं करने से वैसा ही घटनाक्रम अब रावतभाटा में दोहरा दिया गया।
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कांग्रेस ने किया सत्ता का दुरूपयोग
रावतभाटा नगरपालिका चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की सत्ता का दुरूपयोग कर हमारे पार्षदों को प्रभावित किया। उन्हें डराने धमकाने का प्रयास भी किया गया। इसीके चलते बहुमत नहीं होने पर भी कांग्रेस का अध्यक्ष बन गया। हमारी पार्टी में गुटबाजी की शिकायते भी मिली है जिसको देखा जाएगा एवं कोई भी अनुशासन भंग करेगा तो कार्रवाई होगी।
रतनलाल गाडऱी, भाजपा जिलाध्यक्ष, चित्तौडग़ढ़

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