बड़ीसादड़ी मंडी की अव्यवस्थाओं को लेकर अभी हाल ही में किसानों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया था तथा अव्यवस्थाओं में सुधार करने की मांग की थी लेकिन तब से अब तक हालात वहीं बने रहने से किसानों को अब भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बड़ीसादड़ी निवासी किसान दिनेश चंद्र व्यास, बाबू लाल माली, कैलाश शर्मा, मुकेश धाकड़ ने बताया कि वह अपने खेत से सोयाबीन लेकर मंडी में बेचने के लिए दोपहर 12 बजे आए थे लेकिन माल की नीलामी तथा तुलाई करने में रात का 1 बज गया। ऐसे में यदि आसपास के ग्रामीण मंडी में अपनी उपज लेकर आते हैं तो उनको खाने पीने की समस्या का सामना करना पड़ता है। साथ ही प्लेटफ ार्म पर नीलामी के लिए जगह भी नहीं है। यहां पर दो प्लेटफ ार्म बने हुए हैं, दोनों ही प्लेटफ ार्म पर व्यापारियों के खरीदे हुए माल की बोरियों के ढेर लगे हुए हैं। जिसके चलते किसानों का माल सड़क पर ही खाली करना पड़ता है।
मंडी के व्यापारी आलोक मेहता ने बताया कि मंडी में सड़क पर किसानों की उपज के ढेर लगा देने से पूरी मंडी में भीड़ लग जाती ह। साथ ही सबसे पीछे जिस किसी किसान का माल नीलाम हो जाता है तो उसकी तुलाई हो जाने के बाद भी किसी वाहन में भरकर उसको निकाला ही नहीं जा सकता है क्यों की आने जाने का रास्ता ही नहीं बचता है। ऐसे में यदि मंडी के प्लेटफ ार्म के पास बनी सड़क पर उपज लेकर आने जाने वाले वाहनों के लिए सफेद लाइन बनाई जाकर मार्ग का चिन्हीकरण कर दिया जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है।
किसान की उपज को व्यापारियों द्वारा साधारण पर्चियों पर हिसाब देकर सौदे खरीदे जा रहे हैं। जबकि मंडी के नियमानुसार छपे हुए विक्रय पत्र पर ही सौदा खरीदा जाना चाहिएए जिसकी कार्बन प्रति व्यापारी के पास क्रम अनुसार सुरक्षित होना चहिए। विक्रय पत्र पर हुए इंद्राज के अनुसार मंडी टैक्स व्यापारी को मंडी कार्यालय में चुकता करना होता है, क्यों कि वह टैक्स किसान की उपज की कीमत से लिया जाता है। जबकि साधारण पर्ची पर ही हिसाब देने से किसान की उपज पर तो व्यापारी मंडी टैक्स वसूल कर रहे हैं लेकिन मंडी को नहीं चुकाने से प्रति माह मंडी को लाखों रुपए के टैक्स का नुकसान हो रहा है। साथ ही मंडी सचिव के पास उदयपुर तथा कपासन की मंडियों का प्रभार भी होने से स्थाई रूप से मंडी में सचिव की उपस्थिति नहीं रह पाती है । ऐसे में मंडी की आवक के अनुसार टैक्स संग्रहण नहीं हो पा रहा है। साथ ही अन्य सुविधाएं भी किसानों तथा व्यापारियों को नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा यहां पर माल की ढुलाई तथा तौल करने वाले हम्मालों की प्रति बोरी मजदूरी भी तय नहीं होने से कई बार विरोधाभास का सामना करना पड़ता है।
मंडी में आज से ही विक्रय पर्चियों से ही सौदे करने के लिए व्यापारियों को पाबंद कर दिया है। साथ ही सड़क पर लाइनिंग करके वाहनों के आने जाने की सुविधा भी प्रदान करेंगे। जो गेट बंद है, उसको भी खुलवाया जाएगा।
पंकज पारख, सचिव कृषि उपज मंडी, बड़ीसादड़ी
आज मैंने खुद जाकर व्यवस्थाएं देखी हैं। आज मंडी सचिव को निर्देश देकर सुविधाएं बेहतर करने के निर्देश प्रदान किए हैं।
बिन्दु बाला राजावत, उपखंड अधिकारी, बड़ीसादड़ी