scriptअस्पताल में दिख रहा स्वच्छता को ‘आइना’ | 'Mirror' to sanitation seen in hospital | Patrika News

अस्पताल में दिख रहा स्वच्छता को ‘आइना’

locationचित्तौड़गढ़Published: Jan 16, 2020 11:44:57 pm

Submitted by:

Kalulal

गली- मोहल्लों में स्वच्छता के गीत बजाए जा रहे, स्वच्छ चित्तौड़ के नारे भी गूंज रहे। इन गीतों व नारों का खोखलापन जिला चिकित्सालय में उजागर हो रहा।

अस्पताल में दिख रहा स्वच्छता को 'आइना'

अस्पताल में दिख रहा स्वच्छता को ‘आइना’

चित्तौडग़ढ़. गली- मोहल्लों में स्वच्छता के गीत बजाए जा रहे, स्वच्छ चित्तौड़ के नारे भी गूंज रहे। इन गीतों व नारों का खोखलापन जिला चिकित्सालय में उजागर हो रहा। सांवलियाजी सामान्य चिकित्सालय हो या महिला एवं बाल चिकित्सालाय शौचालय व मूत्रालय के बदतर हाल सेहत सुधारने के लिए वहां भर्ती होने वाले रोगी के साथ स्वस्थ परिजन को भी बीमार बना सकते है। इन अस्पतालों के टॉयलेट के हाल देख लगता नहीं कि स्वच्छता अभियान जैसा भी कुछ चल रहा है। यहां निरीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारी भी आते रहते है लेकिन इनका हाल देख लगता कभी निरीक्षण में स्वच्छता को प्राथमिकता नहीं मिलती।
महिला एवं बाल चिकित्सालय में महिलाओं के लिए शौचालयों पर ताले लगा रखे है जिससे महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अस्पताल में आपातकालीन द्वार से प्रवेश करते हुए सीढिय़ों के पास शौचालय बने हुए है जहां पर महिला शौचालय के गेट पर ताला रखा है। जिससे महिलाओ को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह श्री सांवलियाजी चिकित्सालय में ब्लड़ बैंक यूनिट के बाहर शौचालय बने हुए है जहां पर महिलाओं के लिए बने शौचालय पर ताला लगा रखा है। यहां पर लैब भी होने से महिलाओं को सेंपल देने में भी परेशानी होती है। जिला अस्पताल में भी शौचालय अंदर से टूटे हुए है। जिनकी समय पर सफाई नहीं होने से बंदबू मार रहे है।
जगह-जगह फैली गंदगी
महिला एवं बाल चिकित्सालय के बाहर जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। अस्पताल परिसर में भी कई जगह दिवारें पीक से सनी हुई है, वहीं बाहर भी जगह गंदगी फैली हुई है। सफाई के अभाव में बदबू इतनी उठती है कि अस्पतालों के मूत्रालय में खड़े होने के लिए भी नाक दबाने की नौबत आ जाती है।
स्वच्छता में निरन्तर पिछड़ रहा चित्तौडग़ढ़
स्वच्छ सर्वेक्षण-२०१७ में चित्तौडग़ढ़ को ३०१ रेंक मिली थी जो वर्ष २०१८ में गिरकर ३२३ पर जा पहुंची। वर्ष २०१९ के स्वच्छता सर्वे में रेंक सुधरने की बजाय ३२७वें स्थान पर पहुंच गर्ई। ऐसे में स्वच्छता के लिए समर्पित होने का दावे कागजी ही साबित हो जाते है।
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