चित्तौड़गढ़

मानसून तय करेगा खरीफ की किस्मत

जिले में खरीफ की पैदावार बंपर होगी या फिर सामान्य या कमजोर। यह सब मानसून ही तय करेगा। खरीफ की बुवाई को लेकर कृषि विभाग ने प्लान तैयार कर लिया है। इस बार जिले में ३.३४ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है। बुवाई को लेकर पिछले साल की तरह इस बार भी मक्का सिरमौर रहेगी। इसके बाद सर्वाधिक बुवाई सोयाबीन की होने की उम्मीद है।

चित्तौड़गढ़May 15, 2022 / 10:35 pm

jitender saran

मानसून तय करेगा खरीफ की किस्मत

चित्तौडग़ढ़
जिले में खरीफ की पैदावार बंपर होगी या फिर सामान्य या कमजोर। यह सब मानसून ही तय करेगा। खरीफ की बुवाई को लेकर कृषि विभाग ने प्लान तैयार कर लिया है। इस बार जिले में ३.३४ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है। बुवाई को लेकर पिछले साल की तरह इस बार भी मक्का सिरमौर रहेगी। इसके बाद सर्वाधिक बुवाई सोयाबीन की होने की उम्मीद है।
जिले में खरीफ की बुवाई को लेकर अब किसानों ने खेतों की सफाई का काम शुरू कर दिया है। कृषि विभाग ने इस बार जिले में ३.३४ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य तय किया है। मक्का की बुवाई १.४५ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में करने का लक्ष्य तय किया गया है। हालाकि मक्का में अधिक पानी की आवश्यकता होती है, ऐसे में उत्पादन पर मानसून का असर रहेगा। अच्छे मानसून से मक्का की बंपर पैदावार हो सकती है। जबकि सोयाबीन में सबसे बड़ी समस्या फसल कटाई के समय बारिश होने की है। इससे खलिहानों में पड़ी फसल खराब हो जाती है। जिले में पिछले दो साल में ऐसा हो चुका है। विभाग ने इस बार सोयाबीन की बुवाई ९८ हजार हैक्टेयर क्षेत्र में करने का लक्ष्य तय किया है। हालाकि हर साल सर्वाधिक बुवाई के मामले में मक्का पहले और सोयाबीन दूसरे नंबर पर ही रहती है।
अनाज फसलों की बुवाई का यह रहेगा गणित
विभाग के लक्ष्य के अनुसार इस बार चावल १ हजार हैक्टेयर, ज्वार २५ हजार हैक्टेयर क्षेत्र, बाजरा सौ हैक्टेयर क्षेत्र व मक्का की १.४५ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई सहित कुल १ लाख ७१ हजार १०० हैक्टेयर क्षेत्र में अनाज फसलों की बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है।
दलहनी फसलें साढे आठ हजार हैक्टेयर में
दलहनी फसलों की बुवाई इस बार साढे आठ हजार हैक्टेयर क्षेत्र में करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें मूंग ५०० हैक्टेयर व उड़द की बुवाई ८ हजार हैक्टेयर क्षेत्र में करने का लक्ष्य तय किया गया है।
तिलहन फसल का यह हिसाब
तिलहनी फसलों में सर्वाधिक ९८ हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई का लक्ष्य है। जबकि मूंगफली की बुवाई २५ हजार हैक्टेयर व तिल की बुवाई ८०० हैक्टेयर क्षेत्र में करने का लक्ष्य है। इसके अलावा वाणिज्यिक फसलों में गन्ने की बुवाई ११०० हैक्टेयर, कपासन ७ हजार हैक्टेयर, ग्वार २५०० हैक्टेयर व अन्य फसलों की बुवाई २० हजार हैक्टेयर क्षेत्र में होने की उम्मीद है। खरीफ के प्लान को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी हैं, वहीं किसान भी खरीफ की बुवाई को लेकर खेतों की सफाई में जुट गए हैं। मानसून की पहली बारिश होने के साथ ही जिले में बुवाई का दौर शुरू हो जाएगा। इधर खरीफ को लेकर गुणवत्ता पूर्ण बीज खरीदने की सलाह किसानों को दी जा रही है।
तैयार हो गया प्लान
इस वर्ष खरीफ की बुवाई को लेकर विभाग ने लक्ष्य तय कर लिया है। इसके अनुसार तैयारियां की जा रही है।
शंकरलाल जाट, सहायक निदेशक कृषि विस्तार, चित्तौडग़ढ़

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