इसमें पिछले पूरे साल में 5 लाख 52 हजार 635 एमएल मिल्क एकत्र किया गया। एक यूनिट तीस एमएल मिल्क की होती हैं। ऐसे में 18062 यूनिट बनाई गई। जिसमें से 7100 यूनिट मिल्क
अजमेर स्टोरेज व सेंटर को भेजा गया। साथ ही चित्तौडग़ढ़ में 9458 यूनिट नवजात बच्चो को उपलब्ध कराया है।
बैंक के स्टॉक में 1500 यूनिट हैं। मिल्क बैंक की स्थापना का एक साल होने पर मंगलवार को कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें सभापति सुशील शर्मा, पार्षद शैलेन्द्र झंवर अतिथि थे। इस दौरान पीएमओ डॉ. मधुप बक्षी व डॉ. हेमलता बक्षी, मनोज गोयल सहित स्टाफ मौजूद रहा।
6 महीने तक सुरक्षित रहता है दूध मदर मिल्क बैंक में इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप मशीन होती है। इसके माध्यम से डोनर से दूध लिया जाता है। बैंक में दूध 6 महीने तक सुरक्षित रहता है और जरूरत पडऩे पर यह नवजातों को दिया जाता है। इस दूध का माइक्रोबायलॉजिकल टेस्ट होता है।
रिपोर्ट में दूध की गुणवत्ता सही होने के बाद उसे कांच की बोतलों में 30-30 मिलीलीटर की यूनिट बनाकर -20 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर सुरक्षित रख दिया जाता है। मदर मिल्क बैंक के पिछले एक साल के आंकड़े
– एक साल में 19354 महिलाओं की काउंसलिंग की गई। – 6467 माताओं को ब्रेस्ट फीडिंग सर्विस दी गई। – जिसमें 53061 एमएल मदर मिल्क शिशुओ को दिया। – 18062 यूनिट बनाई गई, जिसमें 7100 अजमेर स्टोरेज व सेंटर को भेजा गया।
– 9458 यूनिट नवजात बच्चो को उपलब्ध करवाया गया। – 3040 बार नवजात शिशुओं को लाभांवित किया गया। – मदर बैंक में 16598 इनडोर, 158 आउटडोर की प्रेरित दानदाता आई है। मां के दूध के फायदे
– जिन्हें मां का दूध पीने को मिलता है, उनके जीवित रहने की संभावना 14 प्रतिशत बढ़ जाती है – नवजात को निमोनिया, डायरिया जैसी बीमारियों से बचाता है मां का दूध – छह महीने तक मां का दूध बच्चे के पोषण की सभी जरूरतें को पूरा करता है
– बच्चे को दूध पिलाने से मां भी ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियां से बची रहती है