जिन पर शक था वे ही निकले कातिल निकुंभ थाना प्रभारी प्रभुलाल ने बताया कि संदिग्ध मोबाइल नम्बर की कॉल डिटेल निकलवाई गई। इसके बाद दलीचंद, उसके भाई लेहरूलाल व हीरालाल को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान दलीचंद ने पुलिस को बताया कि उन्होंने सोसर की गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को रोड़ी में दबा दिया था। दलीचंद की निशानदेही पर पुलिस ने रोड़ी में दबा शव निकलवा लिया। शव को कपड़े से गठरी में बांधकर यहां सांवलियाजी राजकीय सामान्य चिकित्सालय लाया गया, जहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। इधर पुलिस ने तीनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया है।
घुटने के नीचे के दोनों पैर व बायां हाथ नहीं मिला पोस्टमार्टम में प्रारंभिक तौर पर यह बात सामने आई है कि सोसर की गला दबाकर हत्या की गई थी। उसके घुटने के नीचे के दोनों पैर व बायां हाथ भी गायब था। आशंका जताई जा रही है कि आरोपियों ने हत्या के बाद या पहले उसके पैर व एक हाथ काट दिया हो, इस संबंध में पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
बीस साल पहले पति की मौत
मृतका के पुत्र शंभूलाल ने बताया कि उसके पिता गोटू गायरी की करीब बीस साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद उसके चाचा गोपीलाल ने उसे व उसके भाई व दो बहनों को पाल पोसकर बड़ा किया।
जमीन विवाद, दी थी धमकी मृतका के पुत्र का कहना है कि करीब एक-डेढ़ माह पहले भी उसे आरोपियों ने धमकी दी थी कि वह अपने चाचा गोपीलाल के साथ नहीं रहे वरना मार देंगे। हत्या के पीछे जमीन विवाद माना जा रहा है। गोटूलाल, नारू व गोपीलाल तीनों भाई है। इनके कुल 18 बीघा जमीन है। तीनों के पास 6-6 बीघा जमीन बंटवारे में आई हुई है। गोपीलाल के नाम पर जमीन तो है, लेकिन उस पर उसका कब्जा नहीं है। जमीन को लेकर नारू से उसका विवाद भी होता रहा है।
गहने व नकदी लूटने का भी आरोप पुलिस की ओर से बुधवार को सोसर की हत्या का खुलासा करने के बाद उसके पुत्र शंभूलाल की ओर से पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया गया है कि उसे पहले ही शक था कि दलीचंद, हीरालाल व लेहरूलाल उसकी मां सोसर की हत्या कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा है कि आरोपियों ने हत्या से पहले उसकी मां के पहनी हुई दो किलो वजनी चांदी की कडिय़ां, डेढ तोले का सोने का टड्डा, दो तोला वजनी रामनामी व मांदलिया व पचास हजार रूपए लूट लिए और बाद में उसकी हत्या कर दी।
पुलिस पर है यह आरोप आवरी माता सरपंच अशोक रायका व मृतका के पुत्र शंभूलाल ने निकुंभ थाना पुलिस पर आरोप लगाया है कि उसने समय रहते पुख्ता कार्रवाई नहीं की। जिन लोगों पर संदेह जताया था, उनसे पूछताछ नहीं की, इसलिए हत्या का राज खुलने में विलंब हुआ है। इधर, पता चला है कि एक कुएं से पुलिस को मोबाइल भी मिला है। यह मोबाइल किसका है, इस बारे में पुलिस ने अब तक खुलासा नहीं किया है।