पत्रिका की ओर से दवा की दुकानों पर अवैध रूप से बिकने वाली नशे की गोलियों का खुलासा करने के बाद भी औषधि नियंत्रक विभाग की ओर से कहीं भी जांच नहीं की गई। जबकि पिछले दिनों बेगूं में नशा करने वाले एक युवक की खुद के इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई थी। सूत्रों की मानें तो औषधि नियंत्रक विभाग के कार्मिक मेडिकल की दुकानों पर फेरी देकर लौट आते हैं।
इनका कहना है
मेडिकल स्टोरों पर इन दवाइयां का शेडयूल एनआरएक्स में आवक जावक का लेखा जोखा रखना पड़ता है। जिन मेडिकल स्टोर्स पर इन दवाइयों का लेखा जोखा नहीं पाया जाता, वहां कार्रवाई की जाती है। नारकोटिक्स टीम की ओर से की गई कार्रवाई की जानकारी विभाग के पास नहीं है। इस संबंध में हमें भी कुछ मेडिकल संचालकों से ही पता चला है। टीम द्वारा मेडिकल स्टोर्स की जानकारी मांगने पर उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी।
दीपाली पाठक, निरीक्षक, औषधि नियंत्रक विभाग चित्तौडग़ढ़