scriptडीईओ को नोटिस, दो दिन में कार्रवाई के निर्देश | Notice to DEO, instructions for action in two days | Patrika News

डीईओ को नोटिस, दो दिन में कार्रवाई के निर्देश

locationचित्तौड़गढ़Published: Aug 12, 2022 01:14:51 pm

Submitted by:

jitender saran

शिक्षा विभाग की महिला शिक्षक ने तीन साल पहले अड़तालीस घंटे जेल में काटे। विभाग से तथ्य छिपाने के चलते नौकरी निरंतर चलती रही। मामला सामने आने पर विभाग ने कार्रवाई नहीं की। इस मामले को राजस्थान पत्रिका ने उठाया तो शिक्षा विभाग में हंडकप मच गया।

डीईओ को नोटिस, दो दिन में कार्रवाई के निर्देश

डीईओ को नोटिस, दो दिन में कार्रवाई के निर्देश

चित्तौडग़ढ़. शिक्षा विभाग की महिला शिक्षक ने तीन साल पहले अड़तालीस घंटे जेल में काटे। विभाग से तथ्य छिपाने के चलते नौकरी निरंतर चलती रही। मामला सामने आने पर विभाग ने कार्रवाई नहीं की। इस मामले को राजस्थान पत्रिका ने उठाया तो शिक्षा विभाग में हंडकप मच गया। राजस्थान पत्रिका में ८ अगस्त २२ को ‘अड़तालीस घंटे जेल में काटे, विभाग से छिपाया, अब जांच के दायरेÓ में शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। समाचार प्रकाशन के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी मा. को नेाटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगते हुए दो दिन में कार्रवाई के निर्देश दिए। नोटिस में शिक्षिका के विरूद्ध कार्रवाई का पूर्ण प्रकरण भेज निर्देशित किया कि प्रकरण की कार्रवाई कर सूचित करें लेकिन दो माह व्यतीत होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई।
यह है मामला
गंगरार के राउमावि जोजरों का खेड़ा में कार्यरत लेवल प्रथम की शिक्षिका के खिलाफ गंगरार थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस मामले में २२ मई १९ को उसको गिरफ्तार किया और २४ मई १९ को जमानत पर रिहा किया। इसके बाद भी शिक्षिका ने विभाग को जानकारी नहीं दी और कार्यभार संभाल लिया। विभाग को करीब तीन साल बाद दो मई २२ को शिकायत मिलने पर जांच शुरु की गई है। पता चला है कि महिला शिक्षक को न्यायालय ने उसके खिलाफ चल रहे मामले में दोष मुक्त भी कर दिया है, लेकिन न्यायिक अभिरक्षा में रहने का अपने ही विभाग से तथ्य छिपाने के मामले में विभागीय जांच की जा रही है। सीडीईओ ने १४ जून २० २२ को डीईओ मा. मुख्यालय को पत्र लिख शिक्षिका के विरूद्ध राजस्थान सेवा नियमों के तहत कार्रवाई कर सूचित करने के निर्देश दिए थे।
पुलिस की पुख्ता जांच रिपोर्ट, फिर भी जांच
डीईओ द्वारा मामले की सीबीईओ से कराई जांच को लेकर सीडीईओ ने लिखा कि भेजे गए प्रकरण के साथ पुलिस की पुख्ता जांच रिपोर्ट होने के बावजूद आगामी स्तर पर जांच की दलील देकर मामले को लंबित कर अपचारी पक्ष को राहत देने का उपाय खोजा गया ।
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