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नियम रह गए ताक पर गलियों में बिकते रहे पटाखे

locationचित्तौड़गढ़Published: Nov 09, 2018 11:30:22 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

दिवाली की रात चित्तौडग़ढ़ शहर के मुख्य बाजारों के साथ तंग गलियों में भी खुलकर आतिशबाजी की बिक्री हुई। प्रशासन की अनदेखी के चलते कई व्यापारी बिना लाइसेंस के भी नियमों को ताक में रखकर बेखौफ आतिशबाजी बेचते रहे।

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नियम रह गए ताक पर गलियों में बिकते रहे पटाखे



चित्तौडग़ढ़. दिवाली की रात चित्तौडग़ढ़ शहर के मुख्य बाजारों के साथ तंग गलियों में भी खुलकर आतिशबाजी की बिक्री हुई। प्रशासन की अनदेखी के चलते कई व्यापारी बिना लाइसेंस के भी नियमों को ताक में रखकर बेखौफ आतिशबाजी बेचते रहे। ऐसे कई स्थानों पर सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक व पर्याप्त संसाधन भी अधिकांश जगह उपलब्ध नहीं थे। शहर में दिवाली की रात मध्यरात्रि बाद तक आतिशबाजी होती रही। तंग गलियों के साथ मुख्य बाजारों में भी जमकर आतिशबाजी हुई। सर्वोच्च न्यायालय के रात दस बजे बाद आतिशबाजी नहीं करने के नियम का अधिक असर नजर नहीं आया। आतिशबाजी के लिए लाइसेंस जारी करने व सुरक्षा के नियमों की पालना को लेकर तीन विभाग जिम्मेदार हैं। स्थाई या अस्थाई लाइसेंस लेने के लिए प्रशासन से एनओसी लेनी पड़ती है। आतिशबाजी की बिक्री का लाइसेंस लेने के लिए दुकानदार को जिला प्रशासन को आवेदन करने के बाद अग्निशमन विभाग, पुलिस व स्थानीय निकाय की एनओसी भी जरूरी है। एनओसी मिलने के बाद दुकानदार को लाइसेंस दिया जाता है।
हादसा हुआ कैसी पहुंचेगी दमकल
पटाखों के व्यवसाय में कई दुकानदार बिना नियमों की पालना किए ही कारोबार कर रहे हैं। संकड़ी गलियों में गोदाम या दुकानें खोल दी गई है। ऐसी कई जगह तो छोटे चार पहिया वाहन पहुंचने में भी परेशानी होती है। ऐसे में आग लगने की स्थिति में वहां दमकल कैसे पहुंचेगी, इसका ध्यान तक नहीं रखा जाता है।
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