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तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूलें खोलने के फरमान से खुश नहीं है अभिभावक

locationचित्तौड़गढ़Published: Aug 04, 2021 10:53:14 pm

Submitted by:

jitender saran

राज्य सरकार की ओर से एक अगस्त से स्कूलें खोलने के निर्णय से छोटी कक्षाओं में पढ रहे बच्चों के अभिभावक बिल्कुल ही सहमत नहीं है। अभिभावकों का तर्क है कि पन्द्रह साल तक के बच्चों के लिए अब तक कोई भी टीका तैयार नहीं हुआ है, ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजने से कोरोना का खतरा बढेगा।

तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूलें खोलने के फरमान से खुश नहीं है अभिभावक

तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूलें खोलने के फरमान से खुश नहीं है अभिभावक

चित्तौडग़ढ़
बच्चों के प्रभावित होने पर सरकार के पास भी इतने संसाधन नहीं है कि पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवा सके। इससे पहले मई में आया कोरोना पीक सरकारी स्तर की चिकित्सा व्यवस्थाओं की पोल खोल चुका है। ऐसे में सरकार स्कूलें खोलने का फरमान जारी कर गलत निर्णय कर रही है। बेहतर होगा कि फिलहाल ऑन लाइन पढाई की व्यवस्था को ही जारी रखा जाए, ताकि बच्चे संक्रमण की आशंका से बचे रहे।
बच्चे कैसे करेंगे सामाजिक दूरी की पालना
सरकार ने स्कूलें खोलने का जो फैसला किया है, वह बिल्कुल गलत है। बाजारों में ही सामाजिक दूरी की पालना नहीं हो रही है और वयस्कों का भी पूरा टीकाकरण नहीं हुआ है। बच्चों के लिए कोरोना से बचाव को लेकर अब तक कोई वैक्सीन नहीं आई है, ऐसे में स्कूलें खुलने से कोरोना संक्रमण की आशंका बढेगी। खुद मुख्यमंत्री तीसरी लहर को लेकर चिन्ता जता चुके हैं, फिर भी सरकार द्वारा स्कूलें खोलने का निर्णय करना गलत है। स्कूलों में बच्चे ना तो मास्क पहने रहेंगे और न ही सामाजिक दूरी की पालना हो सकेगी। फिलहाल स्कूलें नहीं खुलनी चाहिए।
प्रियंका पाराशर, सेंती चित्तौडग़ढ़
तीसरी लहर की आशंका, फिर क्यों खोले जा रहे हैं स्कूल
राज्य सरकार खुद ही कोरोना को लेकर तीसरी लहर की लगातार आशंका जता रही है और इस लहर को बच्चों के लिए घातक माना जा रहा है, ऐसे में स्कूलें खोलने का निर्णय करना कोरोना संक्रमण को बढावा देने से कम नहीं है। छोटे बच्चों के लिए कोरोना से बचाव के लिए अब तक कोई वैक्सीन हीं नहीं आया है, ऐसे में बच्चे घरों में रहते हुए ऑन लाइन पढाई करे तो ही संक्रमण से सुरक्षित रह पाएंगे। राज्य सरकार को अपना निर्णय वापस लेते हुए पहले बच्चों के लिए वैक्सीन का इंतजाम करना चाहिए। सरकार को बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता करनी चाहिए। हम सरकार के इस निर्णय से कतई सहमत नहीं है।
पल्लवी आमेटा, मधुवन चित्तौडग़ढ़
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