scriptRajasthan's Chittorgarh Famous Sweet Marka Make A Combination Of Ghee And Rice | राजस्थान के इस जिले में सिर्फ दिवाली के दिन बनती है मशहूर चावल और घी के कॉम्बिनेशन की ये स्पेशल मिठाई | Patrika News

राजस्थान के इस जिले में सिर्फ दिवाली के दिन बनती है मशहूर चावल और घी के कॉम्बिनेशन की ये स्पेशल मिठाई

locationचित्तौड़गढ़Published: Nov 08, 2023 03:57:14 pm

Submitted by:

santosh Trivedi

देश के हर शहर-गांव और कस्बे का एक अनूठा स्वाद है। आगरा का पेठा हो या अलवर का कलाकंद, अजमेर का सोहन हलवा हो या पाली का गुलाब हलवा सभी का स्वाद लोगों की जुबां पर छाया रहता है। चित्तौडग़ढ़ में भी ऐसा ही एक स्वाद है जो सिर्फ दिवाली के समय बनता है।

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देश के हर शहर-गांव और कस्बे का एक अनूठा स्वाद है। आगरा का पेठा हो या अलवर का कलाकंद, अजमेर का सोहन हलवा हो या पाली का गुलाब हलवा सभी का स्वाद लोगों की जुबां पर छाया रहता है। चित्तौडग़ढ़ में भी ऐसा ही एक स्वाद है जो सिर्फ दिवाली के समय बनता है। यहां बात हो रही है चित्तौड़ की मशहूर मिठाई ‘मरके’ की। डोनट जैसे आकार के मरके का स्वाद करीब सौ साल से लोगों को दीवाना बनाए हुए है। दीपोत्सव के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए करीब-करीब हर घर में मरके की डिमांड होती है। यहां आने वाले पर्यटकों के साथ यह स्वाद अब मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र तक पहुंच गया है। दिवाली के लिए बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से ऑर्डर आते हैं।

दीपावली पर खासा महत्व
मरके का दीपावली पर धार्मिक दृष्टि से भी खासा महत्व है। त्योहार पर मां लक्ष्मी की पूजा चावल से की जाती है। यह मिठाई पूरी तरह से चावल से बनी होती है, लिहाजा चित्तौड़ में इस मिठाई से ही मां लक्ष्मी की पूजा होने लगी।

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सौ साल पुरानी परम्परा
मरके बनाने में जुटे हलवाइयों ने बताया कि करीब 100 साल पहले शहर में किसी ने चावल की जगह मिठाई के रूप में मरके बना मां लक्ष्मी की पूजा की थी। धीरे-धीरे यह परंपरा बन गई।

मिलावट की आशंका नहीं: मरके बनाने में केवल चावल और घी का इस्तेमाल होता है। ऐसे में इसमें मिलावट की भी आशंका नहीं रहती है।

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