फर्जी मस्टररोल में हाजिरी दर्शाकर गबन का आरोपी हथियाना सरपंच निलंबित
चित्तौड़गढ़Published: Sep 21, 2019 10:12:27 pm
जेल में बंद डोडा-चूरा तस्कर व सरकारी स्कूल के सहायक कर्मचारी को नरेगा मजदूर दर्शाकर मस्टररोल में फर्जीवाड़ा करते हुए रूपए उठाकर सरकार को पलीता लगाने के आरोपी हथियाना सरपंच को आखिर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने सरपंच पद से निलंबित कर दिया है। सरपंच को आदेश दिया गया है कि वह निलंबन काल में ग्राम पंचायत हथियाना के किसी कार्य एवं कार्रवाई में भाग नहीं लें।
फर्जी मस्टररोल में हाजिरी दर्शाकर गबन का आरोपी हथियाना सरपंच निलंबित
चित्तौडग़ढ़
जेल में बंद डोडा-चूरा तस्कर व सरकारी स्कूल के सहायक कर्मचारी को नरेगा मजदूर दर्शाकर मस्टररोल में फर्जीवाड़ा करते हुए रूपए उठाकर सरकार को पलीता लगाने के आरोपी हथियाना सरपंच को आखिर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने सरपंच पद से निलंबित कर दिया है। सरपंच को आदेश दिया गया है कि वह निलंबन काल में ग्राम पंचायत हथियाना के किसी कार्य एवं कार्रवाई में भाग नहीं लें।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने हथियाना ग्राम पंचायत के सरपंच कालूराम जाट को ११ सितंबर को निलंबित कर दिया था। पंचायत समिति कपासन की विकास अधिकारी कुमुद सोलंकी ने शनिवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के आदेश का हवाला देते हुए सरपंच कालूराम जाट को निलंबित कर दिया है। आदेश में कहा है कि कालूराम जाट के खिलाफ सरपंच पद का दुरूपयोग कर फर्जी मस्टररोल में हाजिरी दर्शाकर राजकोष के रूपयों का गबन करने संबंधी शिकायत में मुकदमा दर्ज किया गया व इसी कृत्य के संबंध में अभियोग संख्या २७/२०१८ के अन्तर्गत विभिन्न धाराओं में जुर्म प्रमाणित पाए जाने के कारण अभियोजन स्वीकृति आदेश २५ मार्च २०१९ को जारी किया गया था। इस संबंध में आरोपी सरपंच को ११ सितंबर २०१९ को आरोप पत्र जारी किया गया। सरपंच जाट का यह कृत्य आचरण पंचायतीराज अधिनियम १९९४ की धारा ३८ (४) के तहत कत्र्तव्यों के निर्वहन में अवचार व अपकीर्तिकर आचरण का परिचायक होने की श्रेणी में आता है। इसलिए उसे निलंबित किया जाता है।
पत्रिका ने किया था भ्रष्टाचार उजागर
गौरतलब है कि हथियाना सरपंच के खिलाफ राजस्थान पत्रिका ने १६ नवंबर २०१७ को ‘जेल में बंद डोडा-चूरा तस्कर ने की मनरेगा में मजदूरी!Ó तथा १९ नवंबर २०१७ को ‘स्कूल का सहायक कर्मचारी नरेगा में मजदूर!Ó शीर्षक से समाचारों का प्रकाशन कर खुलासा किया था कि तस्करी के आरोप में उज्जैन जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे मांगीलाल को नरेगा मजदूर बताकर राशि उठा ली गई। यहां तक की सरकारी स्कूल के सहायक कर्मचारी के नाम से भी नरेगा में मजदूरी उठाकर गबन किया गया। इसके बाद सरपंच के खिलाफ कपासन पंचायत समिति के विकास अधिकारी ने ९ जनवरी २०१८ को कपासन थाने में रिपोर्ट दी थी, लेकिन इस रिपोर्ट को पुलिस ने करीब एक माह तक दबाकर रखा था। बाद में दबाव बढने पर पुलिस ने १७ फरवरी २०१८ को उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।