अख्तर के बयान के विरोध में सर्व समाज ने उनका पुतला बना कचरे के पात्र में डाल दिया साथ ही महिलाओं ने भी उनके पुतले को जूते और चप्पलों से मार विरोध दर्ज कराया। शाम को अख्तर का पुतल भी जलाया गया। सर्व समाज के प्रतिनिधि तेजपाल सिंह ने कहा कि इस देश के सम्मान में कई राजपूत और राजा महाराजाओं ने बलिदान दिया है और इस पर जावेद
अख्तर का इस तरह से बयानबाजी करना गलत है। जो भी पद्मावती फिल्म के समर्थन में बयानबाजी करेगा उनके इसी तरह पुतले लगा दिया जाएंगे। सर्व समाज की ओर से धरना स्थल पर उपवास दूसरे दिन भगवान सिंह चौहान व उनकी पत्नी प्रकाश कंवर के साथ उपवास पर बैठे। इनके साथ मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के महामंत्री तेजपाल सिंह शक्तावतए प्रताप स्पोट्र्स संस्थान से योगेंद्र पाल सिंह राठौड़, चावंड सिंह चुंडावत,लक्ष्मण सिंह सौलंकी, भंवर सिंह चौहान, वीरेन्द्र सिंह चौहान व देवेंद्र सिंह सोलंकी भी उपवास पर रहे। धरना स्थल पर सोमवार को एक निजी स्कूल के नवी 10वीं 11वीं 12वीं के 85 बच्चों ने भी भाग लेकर पद्मावती फिल्म पर विरोध जताया।
पद्मिनी महल एवं कुंभा महल में बढ़ाई सुरक्षा
दुर्ग पर स्थित पद्मिनी महल के बाहर लगे पत्थर पर लिखे तथा कुंभा महल के लाइट एंड साउंड शो में दिखाए जा रहे शीशे से जुड़े विवादित तथ्य को लेकर फिर से उभरे विरोध के चलते इन जगहों पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शहर कोतवाल ओमप्रकाश सोलंकी ने बताया कि पद्मिनी महल तथा कुंभा महल में दिन और रात के लिए आठ.आठ पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा एसआई बुद्धाराम विश्नोई तथा एएसआई भूरसिंह राणावत को भी प्रभारी नियुक्त किया गया है।गौरतलब है कि सात—आठ महीने पहले पद्मिनी महल में कांच हटाने की चेतावनी व कांच फूटने के बाद से इन जगहों पर पहले से पुलिसकर्मी तैनात हैं। इस बीच दुर्ग बंद के बाद सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
दुर्ग पर स्थित पद्मिनी महल के बाहर लगे पत्थर पर लिखे तथा कुंभा महल के लाइट एंड साउंड शो में दिखाए जा रहे शीशे से जुड़े विवादित तथ्य को लेकर फिर से उभरे विरोध के चलते इन जगहों पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शहर कोतवाल ओमप्रकाश सोलंकी ने बताया कि पद्मिनी महल तथा कुंभा महल में दिन और रात के लिए आठ.आठ पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा एसआई बुद्धाराम विश्नोई तथा एएसआई भूरसिंह राणावत को भी प्रभारी नियुक्त किया गया है।गौरतलब है कि सात—आठ महीने पहले पद्मिनी महल में कांच हटाने की चेतावनी व कांच फूटने के बाद से इन जगहों पर पहले से पुलिसकर्मी तैनात हैं। इस बीच दुर्ग बंद के बाद सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
क्या है विवाद का कारण
पद्मिनी महल के बाहर इस पत्थर पर लगी पट्टिका में किवदंति के हवाले से लिखा है कि खिलजी ने मेवाड़ की महारानी पद्मिनी के सौंदर्य की झलक को शीशे में देखा था। विरोध करने वालों का कहना है कि उस समय मेवाड़ में दर्पण यानि शीशे का अस्तित्व ही नहीं था। ऐसे में जब शीशा ही नहीं था तो पुरातत्व विभाग को विवादित तथ्य हटा देने चाहिए।
पद्मिनी महल के बाहर इस पत्थर पर लगी पट्टिका में किवदंति के हवाले से लिखा है कि खिलजी ने मेवाड़ की महारानी पद्मिनी के सौंदर्य की झलक को शीशे में देखा था। विरोध करने वालों का कहना है कि उस समय मेवाड़ में दर्पण यानि शीशे का अस्तित्व ही नहीं था। ऐसे में जब शीशा ही नहीं था तो पुरातत्व विभाग को विवादित तथ्य हटा देने चाहिए।