पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि बुधवार को सुबह सदर थाना प्रभारी दर्शन सिंह मय पुलिस बल बराड़ा गांव के निकट हाइवे पर नाकाबंदी कर रहे थे। इसी दौरान कोटा-नीमच-उदयपुर तिराहे ही ओर से एक कार आती दिखाई दी। जिसमें चालक व उसके पास वाली सीट पर एक व्यक्ति बैठा हुआ था। चालक ने पुलिस व नाकाबंदी देखकर बैरिकेट्स से कुछ पहले तेज गति से ब्रेक लगाए और कार को मोडऩे लगा। इसी दौरान पुलिसकर्मी भूपेन्द्रसिंह व जाप्ते ने स्टॉप स्टिक कार के टायर के नीचे डाल दी, इससे कार का पिछला टायर पंक्चर हो गया। इसके बाद भी चालक कार को भगा ले जाने लगा। रोकने की कोशिश करने पर चालक पुलिस पर कार चढाने का प्रयास करने लगा। हेड कांस्टेबल भूपेन्द्र सिंह ने सरकारी वाहन से कार का पीछा किया।
इस दौरान कार चालक रिठौला चौराहा क्रॉस कर उदयपुर की तरफ कार को भगाने लगा। इससे आगे सर्विस रोड बंद होने से कार चालक व उसमें सवार एक अन्य व्यक्ति पुलिस पर फायरिंग करते हुए खेतों में भाग गए। गनीमत रही कि फायरिंग से कोई भी पुलिसकर्मी हताहत नहीं हुआ वरना भीलवाड़ा के बाद चित्तौडगढ़़ में भी तस्करों की गोली से किसी भी पुलिसकर्मी की जान जा सकती थी।
पुलिस ने खेतों में भी तस्करों का पीछा करते हुए वहां काम कर रहे किसानों से उन्हें पकडऩे के लिए हल्ला किया, लेकिन तस्करों ने पिस्टल निकालकर किसानों को डरा दिया और दो हवाई फायर करते हुए वहां से भाग छूटे। पुलिस ने मौके पर छोड़ी गई लग्जरी कार की तलाशी ली तो उसमें तीन कट्टों में भरी हुई अफीम पाई गई, जिसका तोल करवाने पर 78 किलो हुआ। कार में एक पिस्टल की मैग्जीन व पांच जिन्दा कारतूस भी मिले हैं। इसके अलावा कार में अलग-अलग नंबरों की प्लेट मिली है। कार पर नंबर प्लेट फर्जी लगी हुई थी।
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी दर्शन सिंह सहित हेड कांस्टेबल भूपेन्द्र सिंह, विनोद कुमार, हेमव्रतसिंह, दीपक कुमार व मनोहरसिंह की विशेष भूमिका रही।