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कहीं दूर जब दिन ढल जाए, शाम की दुल्हन….

locationचित्तौड़गढ़Published: Sep 18, 2019 04:50:25 pm

Submitted by:

Vijay

चित्तौडग़ढ़. अलाव ग्रुप की ओर से पाश्र्व गायक मुकेश की याद में रविवार को यादें मुकेश कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुकेश के साथ ही मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, लता मंगेशकर, आशा भौंसले आदि पाश्र्वगायकों के गीतों से कलाकारों ने गीत संगीत की शाम को रोशन किया।

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कहीं दूर जब दिन ढल जाए, शाम की दुल्हन….

कलाकारों ने पुराने नगमों से बांधा समां
चित्तौडग़ढ़. अलाव ग्रुप की ओर से पाश्र्व गायक मुकेश की याद में रविवार को यादें मुकेश कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुकेश के साथ ही मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, लता मंगेशकर, आशा भौंसले आदि पाश्र्वगायकों के गीतों से कलाकारों ने गीत संगीत की शाम को रोशन किया।
इंदिरा प्रियदर्शिनी आडिटोरियम में निरन्तर तीसरे वर्ष आयोजित इस कार्यक्रम में चित्तौडग़ढ़ सांसद सीपी जोशी, स्थानीय विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या, आलाप के संस्थापक अनिल सिसोदिया, आलाप के वरिष्ठ संरक्षक जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष व इंटक के राष्ट्रीय संगठन मंत्री घनश्याम सिंह राणावत, वरिष्ठ अधिवक्ता भंवरलाल सिसोदिया, आलाप के अध्यक्ष मुकेश सपरा, उपाध्यक्ष निशा रानी गोठवाल, संरक्षक नगेन्द्र सिंह राठौड़, सतपाल सिंह दुआ, हरप्रीत सिंह सोनी, सचिव मुकेश सोलंकी, सदस्य महेंद्र खेरारु, आंचल अदिति यश आदि ने मां सरस्वती और पाश्र्व गायक स्व. मुकेश की तस्वीर पर माल्यर्पण किया और दीप प्रज्वल्लित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। स्थानीय कलाकारों में मुकेश सोलंकी ने बदन पे सितारे लपेटे हुए, मुकेश सपरा और निशा रानी ने सारे शिकवे गीले भुला के कहो, हेमांग सोलंकी ने मैं तो हर मोड़ पर तुझको देखा किया, दिनेश पुरी ने तेरी निगाहों पे मर-मर गए हम, आशा ने तूने ओ रंगीले कैसा जादू किया, कमल ने चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे, नगेंद्र सिंह राठौड ने कहीं दूर जब दिन ढल जाए, अभिषेक ने ये दिल न होता बेचारा, दिनेश जागा और कृष्णा ने मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे, सतपाल सिंह दुआ ने दुनिया बनाने वाले कट तेरे मन में समाई, संयम पुरी और अदिति ने सावन का महीना पवन करे शोर, कैलाश लोठ ने तेरी आंखों के सिवाए मन्नत ने सुहानी चांदनी रातें, आंचल ने ये समां, समां है ये प्यार का, गोपाल नामदेव ने एक दिन बिक जाएगा आदि गीतों को बेहतरीन स्वर में गाकर पाश्र्व गायक मुकेश को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन अजय गगरानी और महेंद्र खेरारु ने किया, वहीं नीमच से आए इस्माइल और साथियों ने वाद्य यंत्रों से इन गीतों के साथ संगत की। इस मौके पर बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद थे।

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