क्या कहते हैं किसान
दोथडी खेड़ा के किसान पूरणमल गाडरी का कहना है कि खंड वृष्टि के कारण सभी नदियों में पानी की आवक नहीं होने व कुछ तालाब खाली रहने के कारण फसलों की अच्छी पैदावार होने की आशा कम है। कुरेठा गांव के भैरू लाल व शंकर लाल गुर्जर, घोड़ाखेेड़ा के शंकर लाल पाटीदार का मानना है कि जब तक तालाब में पानी की अच्छी आवक नहीं होगी आगामी फसल अच्छी होने के आसार नहीं है। इनका यह भी कहना कि यह फसल नष्ट हो चुकी है। कम से कम आगामी फसल अच्छी हो, यह आस संजोए किसान बैठे हैं।
दोथडी खेड़ा के किसान पूरणमल गाडरी का कहना है कि खंड वृष्टि के कारण सभी नदियों में पानी की आवक नहीं होने व कुछ तालाब खाली रहने के कारण फसलों की अच्छी पैदावार होने की आशा कम है। कुरेठा गांव के भैरू लाल व शंकर लाल गुर्जर, घोड़ाखेेड़ा के शंकर लाल पाटीदार का मानना है कि जब तक तालाब में पानी की अच्छी आवक नहीं होगी आगामी फसल अच्छी होने के आसार नहीं है। इनका यह भी कहना कि यह फसल नष्ट हो चुकी है। कम से कम आगामी फसल अच्छी हो, यह आस संजोए किसान बैठे हैं।
भूमिगत जल स्तर बढ़ा
खंडवृष्टि के बावजूद अधिकांश नलकूपों व कुओं में पानी की आवक हुई है लेकिन किसानों का मानना है कि जब तक तालाबों व नदी नालों में पानी की आवक नहीं होती है भूमिगत जल स्तर अस्थाई माना जाता है। अगली फसल के लिए जलाशयों में पानी की आवक होना बहुत जरूरी है वरना किसान गेहूं का पर्याप्त रकबा बुवाई नहीं कर पाएंगे।
सरसों की बुवाई की आस क्षीण
किसानों ने गत वर्ष अकाल की चपेट में आने के कारण इस वर्ष अधिकांश कम अवधि की फसल बुवाई की थी। इस कारण आगामी फसल में सरसों की ज्यादा बुवाई की जाएगी लेकिन लगातार बारिश के कारण सरसों की बुवाई का समय बीता जा रहा है क्योंकि खेतों को सूखने में अब काफी समय लग सकता है।
खंडवृष्टि के बावजूद अधिकांश नलकूपों व कुओं में पानी की आवक हुई है लेकिन किसानों का मानना है कि जब तक तालाबों व नदी नालों में पानी की आवक नहीं होती है भूमिगत जल स्तर अस्थाई माना जाता है। अगली फसल के लिए जलाशयों में पानी की आवक होना बहुत जरूरी है वरना किसान गेहूं का पर्याप्त रकबा बुवाई नहीं कर पाएंगे।
सरसों की बुवाई की आस क्षीण
किसानों ने गत वर्ष अकाल की चपेट में आने के कारण इस वर्ष अधिकांश कम अवधि की फसल बुवाई की थी। इस कारण आगामी फसल में सरसों की ज्यादा बुवाई की जाएगी लेकिन लगातार बारिश के कारण सरसों की बुवाई का समय बीता जा रहा है क्योंकि खेतों को सूखने में अब काफी समय लग सकता है।