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पिछले बोर्ड का है निर्णय, जनहित में इस काम को हम कर रहे हैं पूरा

locationचित्तौड़गढ़Published: Jul 30, 2021 02:29:02 pm

Submitted by:

jitender saran

भाजपा पार्षदों की ओर से मोक्षधाम की दीवार को गोल आकार देने के मामले में लगाए गए आरोपों को लेकर नगर परिषद सभापति ने पलटवार करते हुए कहा है कि यह निर्णय पिछले भाजपा के बोर्ड ने ही किया था। जनहित का मामला होने से राजनीति से ऊपर उठकर हम इस काम को आगे बढा रहे हैं। कुछ भाजपा पार्षदों के नियम विरूद्ध निजी काम नहीं होने से वह बौखलाहट में बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

पिछले बोर्ड का है निर्णय, जनहित में इस काम को हम कर रहे हैं पूरा

पिछले बोर्ड का है निर्णय, जनहित में इस काम को हम कर रहे हैं पूरा

चित्तौडग़ढ़
नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा ने नगर परिषद में मीडिया को बताया कि मोक्षधाम चौराहे को विकसित करने की योजना वर्ष २०१५ से विचाराधीन है। नगर विकास प्रन्यास की २९ अक्टूबर २०१५ को हुई बैठक में बिंदु संख्या पांच पर विचार विमर्श कर इस चौराहे पर सुगम एवं सुरक्षित यातायात की दृष्टि से चौराहे के विकास और सौन्दर्यीकरण के अन्तर्गत मोक्षधाम का कुछ भाग यातायात को सुगत बनाने की दृष्टि से आवश्यक बताया गया था। नगर विकास प्रन्यास ने आयुक्त नगर परिषद चितौडग़ढ़ एवं मोक्षधाम समिति के अध्यक्ष को अगस्त 2015 में पत्र लिखे थे, जिसमे स्पष्ट उल्लेख है कि चौराहे की गोलाई के लिए मोक्षधाम की दीवार का कुछ हिस्सा हटाने की आवश्यकता रहेगी, जिसका पुनर्निर्माण न्यास स्वंय के स्तर पर करवाएगा। इसके बाद शहर के कुछ अन्य चौराहे के साथ इस चौराहे का सौन्दर्यीकरण भी सीएसआर योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित किया गया। प्रस्ताव अनुसार मोक्षधाम चौराहे का विकास जे.के. सीमेंट वक्र्स द्वारा किया जाना है। अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) की अध्यक्षता में 19 अगस्त 2019 की बैठक में भी जे.के.सीमेंट वक्र्स को प्रस्तावित डिजाइन एवं यातयात के सुगम परिपेक्ष्य मे कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। नगर नियोजन विभाग के नियमों के अनुसार कार्नर भूखण्डों को गोलाकार रखा जाता है। नगर विकास न्यास की ६ अगस्त २०१४ की बैठक में 60 फीट चौड़ी सड़क पर भूखण्ड की गोलाई 15 फीट एवं इससे अधिक चौड़ी सड़कों पर चौराहे के विन्यास/आवश्यकतानुसार निर्धारण किया जा सकता है। मौके पर सड़क की चौड़ाई 80 फीट है। मौके पर इसी आधार पर गोलाई मे निर्माण किया जाना है।
पूर्व बोर्ड के कार्यकाल में भी तत्कालीन सभापति सुशील शर्मा व उप सभापति भरत जागेटिया ने मोक्षधाम समिति से जनहित में इस मोक्षधाम की दक्षिण की तरफ की दीवार के कोने गोल करने की आवश्यकता बताते हुए सहमति चाही थी। जिसकी मोक्षधाम समिति ने ३ जनवरी २०१६ को सहमति प्रदान की ्रथी। मोक्षधाम समिति ने बीस अक्टूबर २०१९ को पुन: नगर परिषद को पत्र प्रेषित कर अन्य आवश्यक कार्यों के साथ – साथ इस कार्य को भी करवाने का आग्रह किया था। सभापति ने यह सब दस्तावेज भी मीडिया को उपलब्ध करवाए हैं। सभापति ने बताया कि भाजपा पार्षदों ने जिस व्यावसायिक परिसर को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है, इसकी स्वीकृति भी पिछले बोर्ड ने २५ फरवरी २०१९ को जारी की थी। इस चौराहे को यातायात की दृष्टि से सुगम बनाने को लेकर वर्ष २०१५ से ही कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
मोक्षधाम तोडऩे का प्रस्ताव नहीं
एक तरफ सभापति संदीप शर्मा ने जहां मीडिया को पिछले बोर्ड के निर्णय संबंधी सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाए हैं, वहीं तत्कालीन सभापति सुशील शर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में शिवाजी सर्कल के सौन्दर्यीकरण व संपूर्ण विकास का प्रस्ताव तैयार किया था। मोक्षधाम की दीवार तोडऩे का प्रस्ताव तैयार नहीं किया था। जबकि दस्तावेज में मोक्षधाम का कुछ हिस्सा हटाने की आवश्यकता होने का स्पष्ट उल्लेख किया हुआ है। यह बात भी सामने आई है कि कुछ पार्षदों ने अपने इलाके में भूखण्डों के नियम विरूद्ध पट्टे जारी करने का सभापति पर दबाव बनाने का प्रयास किया था, लेकिन सभापति ने दो टूक कह दिया था कि नियम विरूद्ध काम वह नहीं करेंगे, इस बात को लेकर भी दबाव बनाने के तरीके ढूंढे जा रहे हैं।
फिर न्यायालय से विड्रो क्यों किया, यह जांच का विषय है
सभापति ने कहा कि सेतु मार्ग पर नगर परिषद के पिछले कांग्रेस बोर्ड ने एक भूखण्ड नीलाम किया था। इसको नाले की जमीन बताते हुए एक पार्षद ने न्यायालय में याचिका लगाई थी और बाद में विड्रो कर ली। कोई ऐसा क्यों करता है, यह सबको पता है। यह भी जांच का विषय है।
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