चित्तौड़गढ़

भक्तों के लिए अभी नहीं खुलेंगे कपाट, चिंता कोरोना से बचाने की

केन्द्र सरकार की ओर से लॉकडाउन पांच में अधिकतर पांबदियां हटाने के बाद आठ जून से धर्मस्थल व पूजास्थल खुल जाने की रविवार दिनभर चली चर्चाओं पर रात में उस समय विराम सा लग गया जब जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने 30 जून तक निषेघाज्ञा बढ़ाते हुए स्पष्ट कर दिया कि इस अवधि में सभी धार्मिक स्थल और पूजा के स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे। ये फैसला राज्य सरकार की गाइडलाइन जारी होने के बाद किया गया।

चित्तौड़गढ़Jun 01, 2020 / 12:52 am

Nilesh Kumar Kathed

भक्तों के लिए अभी नहीं खुलेंगे कपाट, चिंता कोरोना से बचाने की

चित्तौडग़ढ़. केन्द्र सरकार की ओर से लॉकडाउन पांच में अधिकतर पांबदियां हटाने के बाद आठ जून से धर्मस्थल व पूजास्थल खुल जाने की रविवार दिनभर चली चर्चाओं पर रात में उस समय विराम सा लग गया जब जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने 30 जून तक निषेघाज्ञा बढ़ाते हुए स्पष्ट कर दिया कि इस अवधि में सभी धार्मिक स्थल और पूजा के स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे। ये फैसला राज्य सरकार की गाइडलाइन जारी होने के बाद किया गया। हालांकि केन्द्र सरकार की गाइडलाइन आने के बाद करीब ढाई माह से बंद पूजा स्थल खुलने की उम्मीद में तैयारियां भी शुरू हो गई थी। इसमें मुख्य जोर सोशल डिस्टेसिंग रखते हुए व भक्तों की सेहत सुरक्षा का ध्यान रखते हुए दर्शन कराने पर था। जिले में मण्डफिया स्थित मेवाड़ के कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर के साथ प्रमुख शक्तिपीठ कालिकामाता मंदिर, झांतला माता मंदिर, जोगणिया माता मंदिर, आसावरा माता मंदिर भी है जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त दर्शनों के लिए आते रहे है। इनके अलावा शनि महाराज का मंदिर व मातृकुण्डिया भी आस्था के केन्द्र रहे है। इसी तरह मुस्लिम धर्मावलम्बियों की आस्था के मुख्य केन्द्र कपासन स्थित दरगाह व चित्तौड़ की दरगाह भी बंद है। इन सभी के खुलने की केन्द्र की गाइडलाइन से उम्मीद बनी थी लेकिन जिला कलक्टर के आदेश के बाद ये लग रहा है कि जून में इनके दरवाजे शायद ही आमजन के लिए खुल पाए।
क्यों नहीं खुल पा रहे कपाट
राज्य में कोरोना संक्रमण के कमजोर होने के अब तक कोई संकेत नहीं है। कई जिलों में पॉजिटिव केस निरन्तर बढ़ रहे है तो चित्तौडग़ढ़ जिले में भी खतरा बना हुआ है। प्रशासन को चिंता धर्मस्थल खोलने के दौरान सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की सेहत सुरक्षा पर है। मेडिकल स्क्रीनिंग के साथ सेनिटाइज भी निरन्तर करने के इंतजाम करने है। भीड़ जुटने पर प्रवेश में भी सोशल डिस्टेंस कैसे रहे ये तय करना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में केन्द्र सरकार की गाइडलाइन में छूट के बावजूद राज्य सरकार से मिले निर्देशों व जिलें हालात को ध्यान में रखते हुए फिलहाल धर्मस्थल आमजन के लिए बंद रखना तय हुआ।
भक्तों की सेहत सुरक्षा पहली प्राथमिकता
कृष्णधाम सांवलियाजी में दर्शन कब से शुरू होंगे ये तो सरकार व जिला प्रशासन ही तय करेगा। हमारे लिए आने वाले भक्तों की सेहत सुरक्षा पहली प्राथमिकता होगी। इसके लिए प्रबंध जरूर अभी से शुरू कर दिए गए है ताकि बाद में कोई परेशानी नहीं आए।
मुकेश कलाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सांवलियाजी मंदिर मंडल
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