scriptपूरा होगा सपना, बेटियों के लिए खुल जाएंगे कहां के द्वार | The dream will be fulfilled, where the gates will open for daughters | Patrika News

पूरा होगा सपना, बेटियों के लिए खुल जाएंगे कहां के द्वार

locationचित्तौड़गढ़Published: Dec 06, 2019 10:40:59 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

बेटियों के लिए खुलेंगे चित्तौड़ सैनिक स्कूल के द्वारराज्य सरकार ने मंजूर की 12 करोड़ की राशिवर्ष 2021-22 में प्रवेश देने की तैयारियां

पूरा होगा सपना, बेटियों के लिए खुल जाएंगे कहां के द्वार

पूरा होगा सपना, बेटियों के लिए खुल जाएंगे कहां के द्वार


चित्तौडग़ढ़. शक्ति व भक्ति की नगरी चित्तौडग़ढ़ की खास पहचान बन चुके सैनिक स्कूल के द्वार अब बेटियों के लिए भी खुलने वाले है। इसके लिए सरकार के स्तर पर सैद्धांतिक निर्णय के बाद देश के कुछ सैनिक स्कूलों के द्वार तो आगामी सत्र २०२०-२१ में ही खुल जाएंगे लेकिन चित्तौडग़ढ़ सहित कुछ सैनिक स्कूलों के द्वार शैक्षिक सत्र २०२१-२२ में खुलेंगे। बेटियों को प्रवेश देने से पहले ही इससे जुड़ी तैयारियां शुरू हो गई है। सैनिक स्कूल प्रशासन ने ९१ छात्राओं को प्रवेश देने की तैयारी की है। उनकी पढ़ाई के लिए छात्रावास निर्माण व अन्य आधारभूत संसाधनों की उपलब्धता के लिए राज्य सरकार से १२ करोड़ रुपए की राशि की मांग की गई है। माध्यमिक शिक्षा (सैनिक स्कूल) विभाग को भेजा गया प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था। सूत्रों के अनुसार बेटियों की शिक्षा से जुड़ा मामला होने से मुख्यमंत्री के स्तर पर इस बारे में वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। हालांकि सैनिक स्कूल प्राचार्य व जिला कलक्टर के पास शुक्रवार रात तक इस बारे में अधिकृत सूचना नहीं थी। सैनिक स्कूल में बेटियों को कक्षा ६ से १२ तक शिक्षा मिल सकेंगी। छात्राओं को प्रवेश देने की स्थिति में सैनिक स्कूल सोसायटी ने चित्तौडग़ढ़ सैनिक स्कूल में आदर्श छात्र संख्या ६०० से बढ़ाकर ७०० कर दी है। कुल सीटों का १३ प्रतिशत यानि ९१ सीट छात्राओं के लिए रखी गई है। सैनिक स्कूल में प्रवेश अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा।

छह दशक पुराना है चित्तौड़ का सैनिक स्कूल
केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय ने सात अगस्त 1961 को देश में पहले पांच सैनिक स्कूलों की स्थापना के समय एक सैनिक स्कूल की स्थापना चित्तौडगढ़़ में की थी। चित्तौडगढ़़ का ये स्कूल दो वर्ष पहले झुंझुंनूं में सैनिक स्कूल खुलने से पहले राज्य का एक मात्र सैनिक स्कूल था। स्थापना के बाद से ही इस सैनिक स्कूल ने देश की थल, जल व वायु सेना को बेहतरीन क्षमता वाले सैन्य अधिकारी दिए। चित्तौडगढ़़ सैनिक स्कूल में पढ़कर जनरल दलबीरसिंह सुहाग देश की सेना में सर्वोच्च पद पर पहुंचे। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल मांधाता सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल एटी पारनायक, लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल नरेन्द्रसिंह सहित कई अधिकारी चित्तौडग़ढ़ सैनिक स्कूल में पढ़ चुके हैं। यहां पढ़े छात्रों में से कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के रूप में भी सेवा दे रहे हैं।

छात्राओं को प्रवेश मिल सकेगा
चित्तौडग़ढ़ के सैनिक स्कूल में वर्ष २०२१-२२ से छात्राओं को प्रवेश मिल सकेगा। इसके लिए छात्रावास निर्माण व अन्य सुविधाओं लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज १२ करोड़ रुपए की राशि मांगी गई है। प्रस्ताव स्वीकृति के संबध में अभी कोई सूचना नहीं है।
कर्नल राजेश राघव, प्राचार्य, सैनिक स्कूल चित्तौडग़ढ़
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