चित्तौड़गढ़

कोरोना के कहर ने उजाड़ दिए घर, कई बच्चे हो गए अनाथ

कोरोना का कहर कई परिवारों की हंसती-खेलती जिन्दगी पर पहाड़ बनकर टूट रहा है। माता-पिता का साया उठने से कई बच्चे अनाथ हो रहे हैं। ऐसे ही तीन मामलों में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए कांग्रेस नेता आगे आए हैं।

चित्तौड़गढ़Jun 12, 2021 / 11:57 am

jitender saran

कोरोना के कहर ने उजाड़ दिए घर, कई बच्चे हो गए अनाथ

चित्तौडग़ढ़
चित्तौडग़ढ़ के ब्रह्मपुरी इलाके में पिछले दिनों किराए के मकान में रह रही दीपा सेन गुप्ता की मौत हो गई थी। जैसे-तैसे बीमार पति सुमित सेन गुप्ता ने शव का अंतिम संस्कार किया। अगले दिन तबीयत बिगडऩे पर वह भी सांवलिया जी अस्पताल पहुंचा, जहां उसकी भी मौत हो गई थी। दो ही दिन में गुप्ता दंपती की मृत्यु से उनके दो जुड़वा बच्चे तुषार सेना गुप्ता व तनिष्क सेन गुप्ता अनाथ हो गए। माता-पिता के यूं अचानक चले जाने से दोनों बच्चे मानसिक रूप से आहत हो गए और घर में ही रोते रहे। जानकारी मिलने पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य वरिष्ठ नेता सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत बच्चों के घर गए और उन्हें अस्पताल लेजाकर स्वास्थ्य की जांच करवाई। स्वस्थ होने पर जाड़ावत ने अपने स्तर पर दोनों बच्चों व एक सिपाही का हवाई यात्रा टिकट करवाया और हवाई जहाज में सिपाही के साथ दोनों बच्चों को भुवनेश्वर उनके मामा के पास सुरक्षित पहुंचवाया।
शहर के चंदेरिया इलाके में रहने वाले गौरव व हर्षित जायसवाल की माता का कुछ समय पहले निधन हो गया था। बच्चों की देखभाल इनके पिता अशोक जायसवाल कर रहे थे। कुछ दिन पहले अशोक जायसवाल का भी निधन हो गया। बच्चों के दादा व चाचा का भी एक साल पहले निधन हो गया था। अब ऐसा कोई नजदीकी रिश्तेदार नहीं रहा, जो इनका भरण-पोषण कर सके। दो दिन पहले जाड़ावत, सभापति संदीप शर्मा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रेमप्रकाश मूंदड़ा आदि बच्चों के घर पहुंचे और संवेदनशीलता दिखाते हुए मौके पर ही राशम सामग्री, दूध आदि के लिए आर्थिक मदद की।
इसी तरह चितौडग़ढ़ में पुराने शहर स्थित महावीर कोलानी में चार दिन के अंतराल में ही दंपती की मृत्यु हो जाने से एक बुजुर्ग व दो बच्चे अनाथ हो गए। घर में अब कमाने वाला कोई नहीं रहा। पार्षद अमानत अली ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य वरिष्ठ नेता सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत व नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा को बताया कि उनके वार्ड क्षेत्र में निवास कर रहे एक परिवार के मुखिया बद्रीप्रसाद की 7 मई को मृत्यु हो गई और इसके चार दिन बाद ही उनकी पत्नी भी चल बसी। परिवार में चार दिन के अंतराल में हुई दंपती की मृत्यु से एक बुजुर्ग व दो बच्चों पर दु:खों का पहाड़ टूट गया है। उनका भरण-पोषण करने वाला परिवार में कोई नहीं रहा। जानकारी मिलने पर शुक्रवार को जाड़ावत व सभापति शर्मा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रेमप्रकाश मंूदड़ा शोक संतप्त परिवार के घर पहुंचे और बच्चों को सांत्वना ेदेने के साथ ही हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

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