इस योजना से नगर परिषद को करीब तीस करोड़ रूपए की आय हो चुकी है, लेकिन पिछले किसी भी बोर्ड ने यह राशि इस आवासीय योजना को विकसित करने पर खर्च नहीं की। नगर परिषद ने अजमेर डिस्कॉम की ओर से महेशपुरम में विद्युतीकरण के लिए जारी किए गए करीब नब्बे लाख रूपए की डिमाण्ड राशि भी जमा नहीं करवाई। इससे यहां मकान बनाकर रहने वालों को स्थायी विद्युत कनेक्शन भी नहीं मिल पा रहे हैं।
नगर परिषद की ओर से धाकड़ मोहल्ले से महेशपुरम तक सड़क का निर्माण करवाया गया, जिस पर करीब नब्बे लाख रूपए खर्च किए गए, लेकिन यह सड़क बनने का फायदा निजी जमीन वालों को मिला, जिन्होंने सड़क बनने के बाद प्लाट काटकर बेच दिए। महेशपुरम आवासीय योजना में करीब पांच-सात लोगों ने मकान भी बनवा लिए है, लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है।
हमने महेशपुरम के चारों तरफ सड़कों की कनेक्टिविटी की है। पेयजल के लिए पानी की टंकी का निर्माण कराया जा रहा है। यह आवासीय योजना हमारे पांच वर्ष के कार्यकाल की प्राथमिकता में शामिल है। यहां पर राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत के सान्निध्य में नगर परिषद साढे आठ करोड़ रूपए की लागत से सर्व सुविधायुक्त सामुदायिक भवन बनवाने जा रही है। सड़कों पर छह करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे और बिजली कनेक्शन के लिए विद्युत निगम ने ९४ लाख २८ हजार ३०७ रूपए का डिमाण्ड पत्र जारी किया है। जल्द ही यह राशि जमा करवा दी जाएगी। यह काम प्रोसेस में चल रहा है। महेशपुरम में पार्कों का विकास और पौधारोपण भी किया जाएगा। यह नगर परिषद की बेहतरीन आवासीय योजनाओं में से एक होगा। इसके लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पहले क्या हुआ, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
संदीप शर्मा,
सभापति, नगर परिषद चित्तौडग़ढ़