मृतक भोजराज व हिमांशु अपने परिवार में इकलौते थे। भोजराज के पिता की पहले ही मृत्यु हो गई थी। दोनों की डूबने से मौत के चलते दोनों घरों के चिराग बुझ गए।
दोनों बच्चों की मौत की खबर से अरनिया पंथ गांव में शोक की लहर छा गई, वहीं दोनों के परिवार में कोहराम मच गया। हर तरफ रूदन और क्रंदन ही सुनाई दे रहा था। ग्रामीण बच्चों के परिजनों को बार-बार संभाल रहे थे, लेकिन उनकी रूलाई नहीं रूक पा रही थी। गांव में जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना, वह अपने आंसू नहीं रोक पाए।