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4 लाख 65 हजार भैरवनामावली की दी आहुतियां

locationचित्तौड़गढ़Published: May 14, 2022 11:22:22 pm

Submitted by:

Avinash Chaturvedi

चित्तौडगढ. मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री नागोरिया भैरव तीर्थ जोगणी पर वैशाख सुदी पंचमी शुक्रवार से ही 11 दिवसीय श्री नागोरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव अनवरत चल रहा है। महायज्ञ के प्रथम दिन से ही श्रद्वालुओं में उत्साह व आस्था देखने को मिली। नवें दिन भी वही उत्साह व आस्था श्रृद्वालुओं में देखने को मिली।

The sacrifices made for 4 lakh 65 thousand Bhairav ​​Namavali

The sacrifices made for 4 lakh 65 thousand Bhairav ​​Namavali

चित्तौडगढ. मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री नागोरिया भैरव तीर्थ जोगणी पर वैशाख सुदी पंचमी शुक्रवार से ही 11 दिवसीय श्री नागोरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव अनवरत चल रहा है। महायज्ञ के प्रथम दिन से ही श्रद्वालुओं में उत्साह व आस्था देखने को मिली। नवें दिन भी वही उत्साह व आस्था श्रृद्वालुओं में देखने को मिली। पहली बार दिव्य अनुष्ठान शुरू किये गये है। इसके तहत शुक्रवार को 27 कुण्डीय महायज्ञ में यजमानो ने 108 भैरव नामावली की 35 आवर्तन आहुतियां लगाकर सभी भैरव देव सहित आमन्त्रित सभी देवों से देश एवं प्रदेश की सुख शान्ति की प्रार्थना कर आर्षिवाद मांगा।
अब तक दे चुके है 18 लाख आहुतियां
महोत्सव प्रवक्ता ने जानकारी देते हुऐ बताया कि नागौरिया भैरव जोगणी में क्षेत्र में पहली बार 27 कुण्डीय हवन कुण्ड में 108 भेरवनाम की भैरवनामावली सहित अब तक कुल 18 लाख आहुतियां दी जा चुकी है। जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, देश प्रदेश के कौने-कौने से श्रद्वालु आस्था के साथ भैरव सहित त्रिदेवों के दरबार में परिवार सहित पहुंच कर हाजरी लगाने के लिये नित्य उपस्थित हो रहे है उनमें से कोई वहन कुण्ड में आहुतियां लगाकर तो कोई यज्ञ परिसर की परिक्रमा लगाते हुऐ तो कोई मात्र दर्शन करने मात्र से ही अपने आपको धन्य महसूस कर रहा है। आठवें दिन सर्वाधिक 35 आवर्तन आहुतियां नागौरिया भैरव देव की तरफ से यज्ञ मण्डल में बिराजीत यजमान जोडो के द्वारा करीब 4 लाख 65 हजार से अधिक आहुतियां दी।
21 यज्ञाचार्य दिलवा रहे है आहुतियां
27 कुण्डीय महायज्ञ परिसर में मुख्य यज्ञाचार्य नर्बदेश्वर ज्योतिष कार्यालय मधुवन चित्तौडग़ढ़ के यज्ञाचार्य पं.राकेश शास्त्री द्वारा उनके अन्य सहयोगी यज्ञाचार्यो के सहयोग से उक्त विषाल महायज्ञ का सफलतम आयोजन संचालित किया जा रहा है। मुख्य यज्ञाचार्य पण्डित राकेश शास्त्री ने बताया कि इससे पूर्व भी उनके द्वारा कई हवन यज्ञ के आयोजन संचालित किये है लेकिन नागौरियां भैरव व कुल माताजी के निर्देशानुसार किये जा रहे 27 कुण्डीय अतिमहायज्ञ का आयोजन अपने आप में अनूठा है। इसमें विभिन्न औषधीय युक्त साकल्य एवं शुद्व गाय के देशी घी की आहुतियां दी जा रही है।
त्रिदेवों की नित्य सजाई जा रही है आंगी

नागौरियां भैरव, माताजी एवं ठाकुर जी का प्रात: शुद्व जल, दूध, दही, शहद, घी, व आस पास के स्थानों के धार्मिक स्थलों लाई गई मिट्टी एवं नदीयों व जलाशयों के पानी से नानाविध पदार्थो से अभिषेक किया जा रहा है तत्पश्चात फूलो कें शृंगार में भैरव देव ने दर्शन देकर भक्तों को मोहित कर रहा है।
पंच मेवा व फलों का धराया भोग
11 दिवसीय श्री नागोरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव के अष्ठम दिवस को भैरव जी, माताजी व कृष्णकुन्ज को सवां पांच किलो पंच मेवा 11 किलो कास्या एवं कई प्रकार के 21 किलो फलों जिसमें आम, चीकू, सेवफल, लिची, आलू बुखारा, किवी, चेरी, अनार शामिल है।


पूर्णाहुति व सम्मान समारोह १६ को
नागौरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव की पूर्णाहूती 16 मई को प्रात: सवा पांच बजे कांसा प्रसाद के साथ महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी। तत्पश्चात सामूहिक प्रसादी होगी। वही प्रात: साढे नो बजे कृष्ण कुंज कन्नोज की बाल तपस्वी साध्वीलीला श्रीजी की पावन निश्रा में धर्मसथा आयोजित होगी तत्पष्चात 11 दिवसीय उक्त महायज्ञ कार्यक्रम के सभी लाभार्थी परिवारों, कार्यक्रम मे उत्कृष्ठ सेवाएं देने वालों को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के हाथो बहुमान कर सम्मानित किया जाएगा व इसी के साथ 11 दिवसीय नागौरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव का समापन हो जाएगा।

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