फिर पर्यटकों से गुलजार हुआ दुर्ग, लाइट एण्ड साउण्ड देखने तीस पर्यटक पहुंचे
चित्तौडग़ढ़ कोरोना काल के दस माह बाद शनिवार को दुर्ग एक बार फिर पर्यटकों से गुलजार हो गया। दस माह तक बंद रहने के बाद शनिवार सायं लाइट एण्ड साउण्ड का पहला शो हुआ। यह शो देखने तीस पर्यटक पहुंचे।विश्व विरासत में शुमार दुर्ग अपने में मेवाड़ की आन-बान, त्याग और बलिदान इतिहास संजोए हुए है।
फिर पर्यटकों से गुलजार हुआ दुर्ग, लाइट एण्ड साउण्ड देखने तीस पर्यटक पहुंचे
चित्तौडग़ढ़ कोरोना काल के दस माह बाद शनिवार को दुर्ग एक बार फिर पर्यटकों से गुलजार हो गया। दस माह तक बंद रहने के बाद शनिवार सायं लाइट एण्ड साउण्ड का पहला शो हुआ। यह शो देखने तीस पर्यटक पहुंचे।विश्व विरासत में शुमार दुर्ग अपने में मेवाड़ की आन-बान, त्याग और बलिदान इतिहास संजोए हुए है। यहां का विजय स्तंभ जहां मालवा की जीत की गाथाएं बयां करता है, वहीं अन्य स्मारकों का भी इतिहास अनूठा है। दुर्ग पर कुंभा महल के पास ही लाइट एण्ड साउण्ड के जरिए महापुरूषों और वीर-वीरांगनाओं के इतिहास से पर्यटकों को रूबरू होने का अवसर मिलता है। मार्च २०२० में कोरोना काल के चलते दुर्ग और यहां के स्मारकों पर पर्यटकों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। करीब दस माह के लंबे अंतराल के बाद शनिवार को दुर्ग पर्यटकों से एक बार फिर गुलजार नजर आया। आरटीडीसी प्रभारी कमलेश कुमार वर्मा ने बताया कि लंबे समय बाद शनिवार सायं साढ़े सात बजे लाइट एण्ड का पहला शो हुआ। इस शो में मुंबई व कोटा के तीस पर्यटक शामिल हुए। वर्मा ने बताया कि दो-तीन दिन पहले ही लाइट एण्ड साउण्ड शो फिर से शुरू करने का निर्णय किया गया था। पिछले दो दिन में इसके रख-रखाव का काम पूरा किया गया। कुछ समाजकंटकों ने इसकी लाइट फोड़कर केबल भी काट दी थी। इसे ठीक करवाने के बाद शनिवार सायं शो की शुरुआत हो गई। अब दुर्ग भ्रमण पर आने वाले पर्यटक लाइट एण्ड साउण्ड के जरिए एक बार फिर मेवाड़ के इतिहास और वीर-वीरांगनाओं की गाथाओं से रूबरू हो सकेंगे। वर्मा ने बताया कि लाइट एण्ड साउण्ड के जरिए मेवाड़ के इतिहास की प्रमुख गााथाओं को सुनाया जाता है। उन्होंने बताया कि शो के लिए 10 वर्ष के बच्चों के 50 रुपए, वयस्कों के 100 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट की दर दो सौ रूपए निर्धारित है।