इस बार नहीं लगना गले, दिल पर हाथ रखे बोले ईद मुबारक
चित्तौड़गढ़Published: May 24, 2020 11:38:05 pm
इबादत के पवित्र माह रमजान की समाप्ति पर ईद उल फितर का पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। इस पर्व पर भी इस बार कोरोना वायरस का साया है। संक्रमण के खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंस के साथ ईद उल फितर का त्योहार सोमवार को जिलेभर में मनाया जाएगा। हर बार ईद उल फितर पर लोग नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे को गले मिलकर के मुबारकबाद देते हैं । इस बार कोरोना वायरस की सरकारी एडवाइजरी का पालन करते हुए मुस्लिम समाज के लोग घरों में ही ईद की नमाज पढ़ेगे।
इस बार नहीं लगना गले, दिल पर हाथ रखे बोले ईद मुबारक
चित्तौडग़ढ़. इबादत के पवित्र माह रमजान की समाप्ति पर ईद उल फितर का पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। इस पर्व पर भी इस बार कोरोना वायरस का साया है। संक्रमण के खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंस के साथ ईद उल फितर का त्योहार सोमवार को जिलेभर में मनाया जाएगा। हर बार ईद उल फितर पर लोग नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे को गले मिलकर के मुबारकबाद देते हैं साथ ही एक दूसरे के घर जाकर मीठी सेवइयां एवं खीर खाते हैं। इस बार कोरोना वायरस की सरकारी एडवाइजरी का पालन करते हुए मुस्लिम समाज के लोग घरों में ही ईद की नमाज पढ़ेगे। चित्तौडग़ढ़ अंजुमन मिलते इस्लामिया संस्थान के सदर अब्दुल गनी शेख, सेकेट्र्री फिरोज ने बताया कि रविवार को चांद दिखने के साथ ही समाज के लोगों ने एक दूसरे को सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मुबारकबाद पेश की। सोमवार को शहर व जिले सहित सभी जगह ईद की नमाज घरों में ही पढऩे का निर्णय लिया।लॉकडाउन के कारण ईदगाह में किसी तरह का रंग रोगन भी नही किया गया और शामियाने का इंतजाम भी नही किया गया।
शहर काजी अब्दुल मुस्तफा ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी ईद खुशियों के साथ मनाई जाएगी लेकिन इस बार हमें विशेष रूप से एहतियात रखते हुए दूर से ही मुबारकबाद देनी है। अपने सीने पर हाथ रखकर आप दूर से ही ईद की मुबारकबाद दे सकते हैं। सावा अंजुमन कमेटी सदर मोहम्मद सईद खान, दरगाह कमेटी कपासन सेकेट्री यासीन अशरफी, आरएनटी ग्रुप ऑफ कॉलेज चेयरमैन डॉ.वसीम खान, असरा वेलफेयर सोसायटी के सिद्दीक नूरी, पार्षद अमानत अली, समाजसेवी सैयद शराफत अली ,फिरोज खान, वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ अफरीदी, खिजर खान,सईद खान निंबाहेड़ा आदि ने भी ईद मुबारकबाद दी है।
रोजेदारो के सब्र का इनाम है ईद
रमजान माह की शुरुआत के साथ ही मुस्लिम समाज के घरों में रौनक बढ़ जाती है पूरे रमजान माह लोग खुशी के साथ रोजे रखते हैं पांचों वक्त की नमाज के साथ तरावी की विशेष नमाज होती है । तीस रोजों की समाप्ति पर सब्र के खुशी के रूप में ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है।