कोरोना काल में बिक गए तीन करोड़ के मेडिकल डिवाइस
चित्तौड़गढ़Published: Dec 02, 2020 12:02:27 pm
दवा व्यवसाय वैसे तो आम दिनों में भी ऊंचाइयों पर ही रहता है, लेकिन कोरोना काल के दो-तीन माह में जिले में कोरोना से डरे-सहमे लोगों ने करीब तीन करोड़ रूपए के मेडिकल डिवाइस व विटामिन की गोलियां खरीद ली।
कोरोना काल में बिक गए तीन करोड़ के मेडिकल डिवाइस
चित्तौडग़ढ़
कोरोना संक्रमण का दौर मार्च से शुरू हुआ था। इसके लक्षण में बुखार, सर्दी-जुकाम और सांस लेने में तकलीफ के साथ ही शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना शामिल होने से बड़ी संख्या में लोगों ने इससे बचाव को लेकर और सावधानी बरतने के चलते ऑक्सीमीटर, थर्मल गन, भाप लेने के काम आने वाले स्टीमर, रक्तचाप मापने की डिजिटल मशीन आदि की जमकर खरीदारी की, ताकि घरों पर रहकर ही शरीर के तापमान, ऑक्सीजन के लेवल आदि के बारे में पता लगाया जा सके। इसके लिए अप्रेल से जून तक के तीन माह ऐसे रहे, जब जिले के मेडिकल स्टोर्स से करीब तीन करोड़ रूपए के मेडिकल डिवाइस खरीदे गए। इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए विटामिन सी, डी और जिंक की गोलियों की बिक्री ने भी पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए। मास्क और सेनेटाइजर भी इसमें शामिल कर लिए जाए तो कुल मिलाकर कोरोना के नाम पर जिले में पांच से साढे पांच करोड़ की बिक्री हुई है। चित्तौडग़ढ़ जिले में करीब साढे तीन सौ मेडिकल स्टोर्स है।
शहर के एक दवा विक्रेता ने बताया कि मेडिकल डिवाइस अलग-अलग कंपनियों और अलग-अलग दर के हैं। इनकी मांग इतनी रही कि एक समय ऐसा भी आया, जब मांग के मुकाबले इनकी उपलब्धता में कमी आ गई। जबकि सेनेटाइजर और मास्क की बिक्री जमकर हुई। हालाकि बाद में जनरल स्टोर्स पर भी कपड़े के मास्क बिकने लग गए और कई लोगों ने घरों पर ही कपड़े के मास्क बनाकर इनका उपयोग शुरू कर दिया। इसके अलावा निजी चिकित्सालयों में कोरोना संक्रमित रोगी को जो एंटी वायरल गोली दी जा रही है,वह १२० गोली लेने होती है और इसकी कीमत करीब छह हजार रूपए होती है। फेंफड़ों में संक्रमण होने से रोगी को इंजेक्शन लगाए जाते हैं। यह एक इंजेक्शन करीब २८०० रूपए का आता है और रोगी को छह इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इसलिए कोरोना काल में आम दिनों के मुकाबले दवा व्यवसाय में तेजी है।