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बेड़च में नहाने उतरे तीन दोस्त, एक डूबा, बचाने पहुंचा दूसरा भी डूबा, तीसरे को बचाया

locationचित्तौड़गढ़Published: Sep 18, 2019 11:04:37 pm

Submitted by:

jitender saran

यहां भीलवाड़ा मार्ग स्थित बेड़च नदी में बुधवार को वाहन धुलाई के लिए आए चार दोस्तों में से नहाते समय एक-दूसरे को बचाने के प्रयास में तीन दोस्त डूब गए। इनमें से एक को बचा लिया गया। गौताखोरों ने एक युवक का शव नदी से निकाल लिया, लेकिन दूसरे युवक के बारे में शाम तक पता नहीं चल पाया। गुरूवार को उसकी फिर से तलाश की जाएगी। चारों युवक टैक्सी चलाने का काम करते है।

बेड़च में नहाने उतरे तीन दोस्त, एक डूबा, बचाने पहुंचा दूसरा भी डूबा, तीसरे को बचाया

बेड़च में नहाने उतरे तीन दोस्त, एक डूबा, बचाने पहुंचा दूसरा भी डूबा, तीसरे को बचाया

चित्तौडग़ढ़
यहां भीलवाड़ा मार्ग स्थित बेड़च नदी में बुधवार को वाहन धुलाई के लिए आए चार दोस्तों में से नहाते समय एक-दूसरे को बचाने के प्रयास में तीन दोस्त डूब गए। इनमें से एक को बचा लिया गया। गौताखोरों ने एक युवक का शव नदी से निकाल लिया, लेकिन दूसरे युवक के बारे में शाम तक पता नहीं चल पाया। गुरूवार को उसकी फिर से तलाश की जाएगी। चारों युवक टैक्सी चलाने का काम करते है।
जानकारी के अनुसार सेंती में शनि महाराज मंदिर के पीछे रहने वाला संदीप उर्फ संजय (२५) पुत्र रमेश जायसवाल, मूलत: मंगलवाड़ क्षेत्र के रोडज़ी का खेड़ा व सेमलपुरा निवासी और हाल गांधी चौक में किराए के कमरे में रह रहा कपिल जमड़ा उर्फ बबलू (२७) पुत्र स्व. भगवतीलाल, गांधी नगर निवासी मोनू (२४) पुत्र श्यामलाल टेलर तथा ओछड़ी दरवाजे के पास रहने वाला विशाल (२५) पुत्र राजेन्द्र साहू बुधवार अपराह्न वाहन की धुलाई करने के लिए बेड़च नदी पर आए थे। धुलाई के बाद चारों वाहन लेकर वहां से रवाना हो गए, लेकिन कुछ ही दूर चलने के बाद वाहन का पहिया मिट्टी में धंस गया। इसके बाद चारों पुन: बेड़च नदी पर आ गए। इनमें सबसे पहले नहाने उतरा कपिल पानी में डूबने लगा तो उसे बचाने के लिए संदीप भी नदी में कूद गया। इसके बाद संदीप को भी डूबता देख मोनू टेलर भी उसे बचाने के लिए नदी में कूद गया पर वह भी पानी में डूबने लग गया। तीन दोस्तों को एक साथ पानी में डूबता देखकर उन्हें बचाने के लिए विशाल भी नदी में कूद गया और मोनू को बचाते हुए सुरक्षित नदी से बाहर ले आया। उसने संदीप व कपिल को भी बचाने का प्रयास किया, लेकिन दोनों ने उसका हाथ छोड़ दिया और पानी में डूब गए।
सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरितासिंह, पुलिस उप अधीक्षक कमल प्रसाद मीणा, कोतवाली का जाप्ता व सिविल डिफेंस के गौताखोर मौके पर पहुंचे और तलाशी शुरू की। कुछ देर बाद संदीप उर्फ संजय का शव निकाल लिया गया, लेकिन रात होने तक कपिल उर्फ बबलू के बारे में पता नहीं चल पाया। गुरूवार को फिर नदी में उसकी तलाश की जाएगी।
गमछा मिल जाता तो बच सकती थी जान…
मोनू की जान बचाने वाले विशाल ने बताया कि नदी पर कुछ लोग मछलियां पकड़ रहे थे। उसने संदीप व कपिल को बचाने के लिए इन लोगों से गमछा मांगा था, लेकिन गमछा देने से इनकार करते हुए वे लोग वहां से चले गए। विशाल का कहना था कि गमछा मिल जाता तो वह दोनों दोस्तों को गमछा पकड़वाकर बाहर निकाल सकता था, लेकिन पूरे प्रयास करने के बावजूद आंखों के सामने दोनों दोस्त डूब गए, जिन्हें बचा नहीं पाने का मलाल जीवन भर रहेगा। इन युवकों के एक और दोस्त महेन्द्रसिंह ने बताया कि मोबाइल पर फोन आने पर वह भी बेड़च नदी पहुंच गया था। उसने वहां पहुंचकर बाइक खड़ी की तभी संदीप व कपिल को डूबते देखा, लेकिन तैरना नहीं जानने से वह नदी में नहीं कूदा।
बहुत छोटे हैं बच्चे
नदी में डूबा संदीप चार भाइयों में सबसे बड़ा है। उसके दो बेटियां है। पहली करीब तीन साल की व दूसरी छह माह की है। जबकि कपिल के एक बड़ा भाई व ***** है। उसके तीन साल का एक बेटा भी है।
रोटी खिलाने के लिए घूमता रहा बड़ा भाई
कपिल के बड़े भाई अनिल ने बताया कि बुधवार को सुबह से ही कपिल ने खाना नहीं खाया था। उसने फोन करके उसको खाना खाने को भी कहा और बाद में टिफिन लेकर कोतवाली के पास स्थित टैक्सी स्टैण्ड भी पहुंचा, लेकिन कपिल वहां नहीं मिला। टैक्सी स्टैण्ड के पास ही ढाबा चलाने वाले ने बताया कि संदीप ने उसे बाटियां बनाने के लिए कहा था। उसने बाटियां बना ली, लेकिन बाद में संदीप ने यह कहकर बाटियां खाने से इनकार कर दिया कि उसका दूसरा कार्यक्रम बन गया है।
सांवलियाजी चला जाता तो नहीं डूबता कपिल
कपिल के बड़े भाई अनिल ने बताया कि एक सवारी को कार से सांवलियाजी छोडऩी थी। इसके बदले दो हजार रूपए मिल रहे थे। उसने कपिल को दो हजार रूपए देते हुए सवारी को सांवलियाजी छोड़कर आने को कहा, लेकिन कपिल ने सांवलियाजी जाने से इनकार कर दिया और दोस्तों के साथ बेड़च नदी पर चला गया। इसके बाद अन्य चालक कैलाश छीपा सवारी को सांवलियाजी छोड़कर आया। अनिल का कहना था कि कपिल सवारी छोडऩे सांवलियाजी चला जाता तो वह पानी में नहीं डूबता।
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