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प्रताडऩा से तंग मां ने उठाया दिल दहलाने वाला कदम

locationचित्तौड़गढ़Published: Nov 15, 2019 10:26:04 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

दो बेटियों संग कूद गर्ई कुएं में मां, हो गई तीनों की मौत-मृतका के भाई की रिपोर्ट पर पुलिस ने दर्ज किया आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरणा का मामला-पोती का शव निकला तो दादी भी तालाब में कूदी, लोगों ने निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया-पति, सास-ससुर व देवर के खिलाफ मामला दर्ज

प्रताडऩा से तंग मां ने उठाया दिल दहलाने वाला कदम

प्रताडऩा से तंग मां ने उठाया दिल दहलाने वाला कदम


चित्तौडग़ढ़/गंगरार
चित्तौडग़ढ़ जिले में गंगरार थानान्तर्गत कुवालिया गांव में ससुराल वालों से प्रताडि़त एक महिला ने दो मासूम बेटियों सहित कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतका की सास ने भी तालाब में कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन पानी कम होने से लोगों ने उसे निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया। मृतका के भाई की रिपोर्ट पर पुलिस ने पति, सास-ससुर व देवर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस उप अधीक्षक गंगरार वृद्धिचंद गुर्जर ने बताया कि गुरूवार शाम को कुवालिया गांव में महिला के दो बच्चियों सहित कुएं में कूदने की सूचना मिली। सूचना पर थाना प्रभारी लाभूराम विश्नोई मय जाप्ता मौके पर पहुंचे तो लोगों ने बताया कि कांता (३४) पत्नी बद्रीलाल तेली अपनी पुत्री खुशी (५) व दीपिका (२) सहित कुएं में कूद गई। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से तीनों को कुएं से बाहर निकलवा लिया, लेकिन तब तक तीनों की ही मौत हो चुकी थी। पुलिस उप अधीक्षक गुर्जर ने बताया कि सबसे पहले खुशी का शव कुएं से बाहर निकाला तो वहां मौजूद उसकी दादी मोहनी बाई ने तालाब में कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन पानी कम होने से लोगों ने उसे बचा लिया, जिसे गुरूवार रात सांवलियाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने शुक्रवार को गंगरार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव पीहर पक्ष को सौंप दिए। इस दौरान सरपंच कैलाशचन्द्र तेली, ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष भंवरलाल जाट भी अस्पताल पहुंचे।
मृतका के भाई माताजी की पाण्डोली निवासी भैरूलाल पुत्र धन्नालाल तेली ने गंगरार थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी बड़ी ***** कांता पुत्री धन्नालाल तेली का विवाह करीब पन्द्रह साल पहले कुवालिया निवासी बद्रीलाल पुत्र चंपालाल तेली के साथ हुआ था। प्रार्थी की ***** करीब आठ-नौ साल से ससुराल आ जा रही थी। उसके दो पुत्रियां खुशी (५) व दीपिका (२) है। ससुराल जाने के एक-दो साल बाद ही कांता को पति बद्रीलाल, ससुर चंपालाल, सास मोहनीदेवी व देवर शांतिलाल ने दहेज की मांग को लेकर छींटाकशी, गाली-गलोच व मारपीट शुरू कर दी। आए दिन गहनों व रूपयों की मांग करते थे। यह बात प्रार्थी की ***** ने अपने पिता से कही थी। करीब छह साल पहले भी इन आरोपियों ने प्रार्थी की ***** को मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया था और उसके पहने हुए गहने छीन लिए थे। इसके बाद वह दो-तीन माह तक पीहर में ही रही थी। प्रार्थी के पिता ने समाज के लोगों को एकत्रित किया था, तब आपसी राजीनामें के बाद कांता को ससुराल भेजा था। लेकिन आरोपियों ने साल भर बाद फिर मारपीट व दहेज की मांग करनी शुरू कर दी। पिछले माह २२ अक्टूबर को प्रार्थी के पिता की मृत्यु हो गई थी, तब कांता पीहर माताजी की पाण्डोली आई थी। इसके बाद सात नवंबर को वह ससुराल गई थी। १२ नवंबर को कांता ने प्रार्थी को फोन करके बताया कि आरोपी उससे रूपए की मांग कर रहे है।

अंतिम बार किया था काकी को फोन
मृतका के भाई ने थाने में दी रिपोर्ट में बताया कि गुरूवार को दोपहर करीब एक बजे प्रार्थी की ***** कांता ने अपनी काकी माताजी की पाण्डोली निवासी सावित्री देवी पत्नी बालूराम तेली को फोन करके बताया था कि सास मोहनी देवी उसके साथ लड़ाई-झगड़ा कर रही है, जिससे परेशान होकर वह शाम को समाज के लोगों को एकत्रित कर आए दिन होने वाली मारपीट व अत्याचार के लिए वह न्याय की मांग करेगी। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इसके बाद ***** की सास व ससुराल पक्ष के अन्य लोगों ने बदनामी से बचने के लिए प्रार्थी की ***** व उसकी दो बेटियों को कुएं में धक्का दे दिया। गंगरार थाना पुलिस ने मृतका के भाई भैरूलाल तेली की रिपोर्ट पर मृतका के पति कुवालिया निवासी बद्रीलाल पुत्र चम्पालाल तेली, ससुर चंपालाल, सास मोहनी देवी व देवर शांतिलाल तेली के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का प्रकरण दर्ज किया है। मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक गंगरार कर रहे हैं।

भाई बोला, तीन बजे तक तो खेत पर थी कांता
मृतका के भाई भैरूलाल तेली का कहना है कि गुरूवार को दोपहर करीब दो-तीन बजे तो उसकी ***** कांता अपनी दो बच्चियों के साथ खेत पर थी, जहां उसकी सास मोहनी देवी ने उसके साथ लड़ाई-झगड़ा किया था। पुलिस के अनुसार घटना के समय मृतका का पति बद्रीलाल ड्यूटी पर गया हुआ था।

जिस आंगन में कभी खेलती थी, वहीं से उठी लाडो की अर्थी
जिस घर में बचपन बीता, उस घर का आंगन कभी लाडो (कांता) की खिलखिलाहट व मासूमियत से महका करता था। मां-बाप, काका-काकी सहित पूरा कुनबा खुशियों में डूबा रहता था, लेकिन उसी आंगन से शुक्रवार को जब कांता के साथ ही उसकी दो मासूम बेटियों की एक साथ अर्थियां उठी तो लाडो के बिछोह से पूरा गांव अशांत था। काका-काकी और भाई-भोजाई की आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे तो आस-पड़ोसियों की आंखे भी नम थी। किसी को कांता के बचपन का दुलार फफकने पर मजबूर कर रहा था तो पीहर के घर में कोहराम मचा हुआ था। आस-पड़ोस में रहने वाली महिलाओं का कहना था कि कांता बहुत सरल स्वभाव की थी। पीहर में भी उसे कभी किसी से झगड़ा करते हुए नहीं देखा। तीनों के शव आंखों के सामने थे फिर भी किसी को यकीन नहीं था कि अपनों को छोड़ कर लाडो यूं चली जाएगी। भाई का रो-रोकर बुरा हाल था तो भोजाई शवों से लिपटकर फूट-फूटकर रो रही थी। तीनों शवों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

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