चित्तौड़गढ़

इसे कहते किस्मत, जन्मदाता छोड़ गए लावारिस, अब किसी घर की लक्ष्मी होगी उमा

पालनागृृह में मिली नवजात को गोद देने की प्रक्रिया शुरूचित्तौडग़ढ़ बाल कल्याण समिति ने प्रदान किया संरक्षण

चित्तौड़गढ़Jul 20, 2019 / 11:09 pm

Nilesh Kumar Kathed

इसे कहते किस्मत, जन्मदाता छोड़ गए लावारिस, अब किसी घर की लक्ष्मी होगी उमा



चित्तौडग़ढ़. मां की कोख से सृृष्टि में आकर उस नन्ही परी ने आंखे भी नहीं खोली होगी उससे पहलेे ही उसके जन्मदाता उसे लावारिस जिला चिकित्सालय के पालनागृह में छोड़ गए। पालनागृह में ११ जुलााई की रात दो बजे मिली उस नवजात को बाल कल्याण समिति ने अपने संरक्षण में ले लिया। समिति की अध्यक्ष डॉ. सुशीला लढ़ा ने उसे राजकीय शिशु गृह में रखवा दिया। समिति ने नवजात बिटिया को उमा नाम दिया। उमाा अब जल्द ही किसी निसंतान दंपति के सपनों को साकार करते हुए उनके घर की लक्ष्मी बनने वाली है। करीब ८ दिन की नवजात उमा को बाल अधिकारिता एवं जिला बाल संरक्षण इकाई ने गोद देने से पूर्व की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। संस्था के सहायक निदेशक जगदीशप्रसाद चांवरिया ने उमा की दत्तक ग्रहण से पूर्व की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके लिए उसके चित्र सहित आम सूचना जारी कर किसी को आपत्ति/दावा के लिए एक माह का समय दिया गया है। इसके बाद नियमानुसार पूर्र्व दत्तक दत्तकग्रहण के लिए लीगल फ्री की कार्रवाई सम्पादित कर दी जाएगी। उमा को पालनागृह में छोडऩे के बाद स्थिति गंभीर होने पर तीन दिन जिला चिकित्सालय के एफबीएनसी वार्ड में भी रखा गया था। स्वास्थ्य में सुधार होने पर उसे बाल कल्याण समिति ने संरक्षण प्रदान किया।
 
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