एनजीटी ने सुनवाई के दौरान सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के आधार पर मानपुरा क्वारी लाइसेंस क्षेत्र को नगर परिषद क्षेत्र मानकर २९२ खदाने बंद करने काआदेश जारी किया। खनि अभियन्ता सत्यनारायण शर्मा के अनुसार रिपोर्ट के अनुसार क्वारी क्षेत्र मानपुरा में नगर परिषद की सीमा रेखा को मौके पर लाल रंग से चिह्नित किया गया। इस सीमा के दायरे में आने वाली प्रभावशील क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से सभी खनन गतिविधियां बंद करा दी गई है। मानपुरा में बंद कराई गई २९२ खदानों में खण्डे व इमारती पत्थर निकलता है। ये पत्थर राज्य के विभिन्न जिलों सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में भी निर्माण कार्य के लिए जाता है। चित्तौडग़ढ़ में कई प्राचीन इमारते भी इसी मानपुरी पत्थर से बनी हुई है।
मानपुरा क्षेत्र की खदाने क्षेत्र के हजारों लोगों के लिए रोजगार का प्रमुख आधार थी। इनको अभी बंद कर देने से खदानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए नया रोजगार तलाशना चुनौती बन गया है। मानपुरा पत्थर उत्पादक समिति के अध्यक्ष गुमानसिंह ने बताया कि एनजीटी में इस प्रकरण में २८ फरवरी को होने वाली सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों के समक्ष अधिवक्ताओं के माध्यम से अपना पक्ष रखा जाएगा। इसके माध्यम से बताया जाएगा कि मानपुरा नगर परिषद क्षेत्र में नहीं आता है एवं यहां होने वाले खनन से किसी को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि यहां मशीनों से खनन की बजाय अधिकतर खनन छैनी व हथोड़ो के माध्यम से होता है।
बंद करा दिया है खदानों को
एनजीटी के आदेश के अनुसार जिस क्षेत्र में खदाने बंद कराने के लिए कहा गया था वहां सभी २९२ खदानों को बंद करा दिया गया है। कार्यालय के तकनीकी स्टॉफ को निर्देश दिए गए है कि क्षेत्र में नियमित एवं आकस्मिक चैकिंग कर एनजीटी के आदेश की पालना सुनिश्चित करें।
सत्यनारायण शर्मा, खनिज अभियन्ता, चित्तौडग़ढ़