scriptअमरनाथ की तरह कहां हुआ शिव मंदिरों का श्रृंगार, बनाया बर्फ से शिवलिंग | Where adornment of Shiva temple like Amarnath, Shivling made with snow | Patrika News

अमरनाथ की तरह कहां हुआ शिव मंदिरों का श्रृंगार, बनाया बर्फ से शिवलिंग

locationचित्तौड़गढ़Published: Aug 12, 2019 11:36:42 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

 
शिवालयों पर श्रद्धा से किया अभिषेकजय भोले के लगे जयकारेसोवन के अंतिम सोमवार को विभिन्न अनुष्ठान

chittorgarh

चित्तौडग़ढ़ के खरडिय़ा महादेव मंदिर में अमरनाथ की तर्ज पर किया गया श्रृंगार

चित्तौडग़ढ़. जिले के शिवालयों पर सोमवार को भक्तों की भीड़ थी। जलाभिषेक के लिए सुुबह से श्रद्धालु शिवालयों में पहुंचे तो शिवलिंग व भगवान शिव की प्रतिमाओं पर विशेष श्रृंगार किया गया। सावन माह के अंतिम सोमवार को शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में विशेष अनुष्ठान हुए। दुर्ग स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर, हजारेश्वर महादेव मंदिर, खरडिय़ा महादेव मंदिर सहित विभिन्न शिवालयों में सुबह से श्रद्धालु जलाभिषेक व पूजन के लिए पहुंचते रहे। हर-हर महादेव व भगवान भोले शंकर के जयकारों के बीच अभिषेक होते रहे।सावन के अंतिम सोमवार को शिव मंदिरों में अमरनाथ की तर्ज पर श्रृंगार किया गया। मंदिरों में बर्फ से ढकी गुफा बनाने के साथ बर्फ से ढंके शिवलिंग की झांकी सजाई गई। खरडिय़ा महादेव, हजारेश्वर महादेव सहित विभिन्न मंदिरों में इस तरह की झांकी सजाई गई। कई श्रद्धालुओं ने सावन के अंतिम सोमवार को व्रत आराधना भी की। रिमझिम बारिश भी कई बार ऐसा महसूस हुई मानों भगवान शिव का अभिषेक कर रही हो। सावन माह के अनुष्ठानों का समापन १५ अगस्त को रक्षाबंधन पर श्रावणी पूर्णिमा के मौके पर होंगा।
वात्सल्य संस्थान की ओर से निकाली गई कावड़ यात्रा
्रवात्सल्य संस्थान द्वारा सोमवार को कावड यात्रा निकाली गई। इसमें विभिन्न गांवों के लोगों ने उत्साह से भाग लिया। आयोजन समिति के अध्यक्ष ताराचन्द्र व कोषाध्यक्ष अजय प्रजापत ने बताया कि कावड यात्रा बीसीडब्लु लेबर कॉलोनी स्थित बाबा घाट से प्रारम्भ हुई जो चन्देरिया होते हुये ऋषि मंगरी पहुंची। यात्रा के दौरान विभिन्न गॉव मे भक्तो का स्वागत किया गया। कावड यात्रा ऋषि मंगरी मे विशाल धर्म सभा में बदल गई। इसमें ऋषि मंगरी के महंत ने भी सम्बोधित किया। सचिव नीतेश शर्मा ने दैनिक जीवन में स्वदेशी का उपयोग करने, मातृभाषा हिंदी में हस्ताक्षर करने, गौमाता की सेवा करने, पॉलीथिन डिस्पोजल का उपयोग नहीं करने आदि संकल्प कराया। कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए भी संकल्प लिया गया। वात्सल्य संस्था के सचिव पुष्कर नराणिया ने आभार जताया। सावन सोमवार को शहर में पाडऩपोल से भी कावड़ यात्रा निकाली गई। कावड़ यात्रा में हर उम्र-वर्ग के श्रद्धालु पूर्र्ण आस्थाभाव से शामिल हुए। मार्ग में भोले शंकर के जयकारे लगते रहे।
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