scriptकहां पर हजारों लोगों ने पाया पूड़ी-सब्जी का महाप्रसाद | Where thousands of people found Mahaprasad of Poori-vegetable | Patrika News

कहां पर हजारों लोगों ने पाया पूड़ी-सब्जी का महाप्रसाद

locationचित्तौड़गढ़Published: Sep 13, 2019 01:25:04 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

चित्तौडग़ढ़ महोत्सव समिति के बैनरतले सामूहिक सहभागिता से बना महाप्रसादगणपति विसर्जन शोभायात्रा के दौरान हुआ वितरित

कहां पर हजारों लोगों ने पाया पूड़ी-सब्जी का महाप्रसाद

कहां पर हजारों लोगों ने पाया पूड़ी-सब्जी का महाप्रसाद


चित्तौडग़ढ़. गणपति प्रतिमा वितरण जुलूस के दौरान चित्तौड़ शहर में सभी वर्गो की सहभागिता से चित्तौडग़ढ़ महोत्सव समिति की ओर से तैयार किए जाने वाले सब्जी-पूड़ी महाप्रसाद भी हजारों लोगों ने पाया। मध्यरात्रि तक महाप्रसाद का वितरण चला। महाप्रसाद वितरण के लिए भी शहर के सभी वर्गो के लोगों ने बढ़चढ़ कर अपनी सेवाएं दी। कोई भोजन बनवाने की व्यवस्था में सहयोग कर रहा था तो कोई वितरण की व्यवस्था में सहयोग को तत्पर था। महाप्रसाद पाने महिलाओं के लिए अलग से काउंटर लगाए गए थे। महाप्रसाद सुबह छबीला हनुुमान स्थल के पास एवं सूचना केन्द्र भवन के पास तैयार किया गया। संयोजक सुनील ढीलीवाल के अनुसार करीब पचास हजार लोगों के लिए महाप्रसाद तैयार किया गया। इसके लिए सारी व्यवस्था जनसहयोग से हुई थी। दोपहर बाद इसका वितरण शुरू हो गया जो रात में शोभायात्रा के सुभाष चौक से गुजरने तक जारी रहा।
देर रात तक रही गणपति प्रतिमा विसर्जन की धूम
गणेश चतुर्र्थी पर गणपति स्थापना के साथ शुरू दस दिवसीय गणपति महोत्सव की धूम शुक्रवार को अनंत चतुर्दशी पर गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही थम गई। गणपति बप्पा को विदा करने गुरूवार रात पूरा शहर ही सड़कों पर उमड़ा लगा। शुक्रवार तड़के तक गंभीरी नदी के तट पर विसर्जन चलता रहा। रात ११ बजे बाद बारिश शुरू होने पर भी गणपति भक्तों का जोश कम नहीं हुआ। बारिश में भीगते हुए युवा गणपति बप्पा के जयकारे लगाते रहे। हर कोई विदा करने से पहले गणपति बप्पा की प्रतिमाओं को निहार लेना चाहता था। प्रतिमा विसर्जन का दौर सुबह से शुरू हो गया था। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित प्रतिमाएं लेकर भक्त गंभीरी नदी तट पर पहुंचते रहे। यहां विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर गणपति बप्पा को विदाई दी जा रही थी। स्कूलों के विद्यार्थी हो या कारखानों में काम करने वाले श्रमिक सभी अपने यहां स्थापति गणपति प्रतिमाओं को पूरे भक्ति भाव के साथ लेकर वहां पहुंचे।
सिर पर बप्पा को लेकर विदा करने पहुंचे बच्चें व महिलाएं
गणपति बप्पा की विदाई को लेकर कई भावनात्मक नजारे भी देखने को मिले। छोटे बच्चे सिर पर गणपति की बाल प्रतिमाओं को उठा कर नदी किनारे आ रहे थे। विदा करते समय भावुक हो रहे भक्त जयकारे लगाने में पीछे नहीं थे। कई युवा व महिलाएं घरों में स्थापित की गई गणपति की प्रतिमाओं को सिर पर रखकर पैदल ही नदी तट पर पहुंचते रहे।
भक्तों से लेकर गौताखोरों ने विसर्जित की प्रतिमाएं
विसर्जन स्थल गंभीरी नदी में पानी के तेज बहाव के चलते गौताखोरों की व्यवस्था की गई थी। सुबह ९ बजे से नदी तट पर एडीआर की टीम तैनात कर दी जाएगी। लोगों को प्रतिमा लेकर गहरे पानी में नहीं जाने दिया जाएगा। नदी तट पर ही भक्तों ने पूजा कर गणपति की प्रतिमा गहरे पानी में विसर्जित करने के लिए वहां तैनात गौताखोरों को दे दी। किसी तरह के हादसे की आशंका टालने के नदी तट पर रस्सियां बांधने के साथ टायर आदि के इंतजाम भी किए गए थे।
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